चंडीगढ़, 02 नवम्बर(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में गांवों एवं शहरों के तालाबों की समुचित सफाई और प्रबंधन करने के निर्देश दिये हैं ताकि पानी का समुचित उपयोग किया जा सके।
श्री खट्टर ने हरियाणा तालाब एवं व्यर्थ जल प्रबंधन प्राधिकरण की आज यहां बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि ऐसा करते समय बस्तियों में स्थित तालाबों को प्राथमिकता दी जाए ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि अतिप्रवाह वाले तालाबों के प्रबंधन के लिए भी एक व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि व्यर्थ बह रहे पानी का उपयोग सिंचाई कार्यों के लिए किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बारिश का मौसम शुरू होने से पहले तालाबों का समस्त पानी निकाल कर वर्ष में कम से कम एक बार तालाबों को पूरी तरह से खाली किया जाना चाहिए। वर्तमान में प्रदेश में 18,000 तालाब हैं जिनमें से 15,500 ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। उन्होंने राज्य में धार्मिक महत्व के तालाबों की पहचान करने के भी निर्देश दिए और कहा कि उन्हें धार्मिक दृष्टिकोण से विकसित किया जाए।
श्री खट्टर के अनुसार हाल ही में उन्होंने जिला कुरुक्षेत्र, करनाल और जींद में आने वाले 30 से 35 धार्मिक स्थलों का दौरा किया और विशेष रूप से पवित्र सरोवरों के जीर्णोद्धार के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शीघ्र ही हरियाणा तालाब एवं व्यर्थ जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जा रहे पांच तालाबों का दौरा करेंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, उप प्रधान सचिव आशिमा बराड़ा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, उद्योग और वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।