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गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाएगा

अमृतसर 13 नवंबर (वार्ता) शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के कार्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल में आयोजित वार्षिक बैठक में अहम प्रस्ताव पेश किए गए जिनमें कहा गया कि श्री गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश पर्व एसजीपीसी पूरे उत्साह के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनायेगा।
प्रस्ताव में केन्द्र और पंजाब सरकार समेत दूसरे राज्यों की सरकारों से भी अपील की गई है कि गुरू साहब के इस महान पर्व के अवसर पर अधिक से अधिक राशि मुहैया करवा कर गुरू साहिबान के साथ सम्बन्धित शहरों / नगरों का विकास प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
एक अन्य प्रस्ताव में पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब के लिए खुले रास्ते (कोरीडोर) की माँग की गई। प्रस्ताव में कहा गया कि श्री गुरु नानक देव जी के साथ सम्बन्धित स्थान गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहब के साथ सिख संगतों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। भारत से इस पवित्र स्थान के दर्शन करने के लिए हज़ारों संगतें सीमा पर पहुँचती हैं। इस संकल्प द्वारा भारत और पाकिस्तान सरकारों से माँग की गई कि पहले श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर करतारपुर साहब के लिए कोरीडोर बनाया जाए और यह ऐतिहासिक पर्व मनाने के लिए संगतों को अधिक से अधिक वीजा भी दिए जाएें।
श्री गुरु ग्रंथ साहब जी की बेअदबी की घटनाओं की निंदा करते हुए राज्य और केन्द्र सरकार से श्री गुरु ग्रंथ साहब जी का निरादर करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करने को कहा गया है।
बैठक में देश की अलग-अलग जेलों में पिछले लंबे समय से बंद सिख कैदियों की रिहाई के लिए केन्द्र सरकार और अलग-अलग राज्यों की सरकारों से अपील की गई। राज्य सरकार से माँग की गई कि सच्चखंड श्री हरिमन्दर साहब के दर्शनों को आने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बुर्ज अकाली बाबा फुला सिंह, घी मंडी चौंक, गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह और चाटीविंड गेट से श्री दरबार साहब तक आने वाले सभी रास्तों को चौड़ा कर सिख विरासती पहचान दी जाये, इन रास्तों पर हरे-भरे पेड़ लगाने और अधिकृत कब्जों, दुकानों को हटाने की भी माँग की गई।
सभा में फिल्में, नाटकों और टी.वी. सीरियलों में सिख किरदारों को मज़ाकिया लहजे में पेश करने की भी सख़्त निंदा करते हुए केंद्र सरकार से माँग की गई कि फिल्में, नाटकों और सीरियलों आदि में सिखों के किरदार को मज़ाकिया लहजे में पेश करने से रोकने के लिए फ़िल्म सैंसर बोर्ड में शिरोमणि समिति के एक प्रतिनिधि को स्थाई तौर पर शामिल किया जाये।
ठाकुर, उप्रेती
वार्ता
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