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अकाली नेता दलित छात्रवृत्ति को लेकर कर रहे ढाेंग

चंडीगढ़, 15 नवंबर (वार्ता) पंजाब के अल्पसंख्यक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने दलित छात्रों के पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप के मुद्दे पर अकाली दल के नेताओं की ओर से लगाये गये धरने को राजनीतिक स्टंट करार दिया है।
श्री धर्मसोत ने आज यहां कहा कि जिन लोगों की प्रशासनिक लापरवाही के कारण पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप में घपले हुए हैं वही अब दलित समर्थक होने का ढोंग रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए कांग्रेस सरकार ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान जारी की स्कॅालरशिप राशि का ऑडिट कराने का फ़ैसला किया था।
उन्होंने बताया कि प्राईवेट शिक्षा संस्थाओं के पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप संबंधी किये जा रहे ऑडिट में अब तक 460 करोड़ रुपए की राशि की गड़बड़ी पाई गई है। उन्होंने अकाली नेताओं के स्कॅालरशिप की राशि जारी न करने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार पिछले लगभग दो सालों के दौरान 203 करोड़ रुपए की राशि जारी कर चुकी है।
श्री धर्मसोत ने बताया कि छात्रवृत्ति के वर्ष 2016 -2017 की 719.52 करोड़, वर्ष 2017 -2018 की 567.55 करोड़ और वर्ष 2018 -2019 की 376.40 करोड़ रुपए केंद्र सरकार की तरफ बकाया हैं। यह कुल राशि 1663.47 करोड़ रुपए बनती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से छात्रवृत्ति की वर्ष 2015 -2016 की 327.39 करोड़ रुपए की राशि जुलाई 2018 में जारी की गई है।राज्य में कुल शिक्षण
संस्थाएं 3606 हैं, जिनमें से 2059 संस्थाओं की पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप संबंधी ऑडिट रिपोर्टें प्राप्त हो चुकी हैं। इन 1898 संस्थाओं में से 920 संस्थाओं को फिलहाल भुगतान नहीं किया जा सकता क्योंकि ऑडिट पार्टी ने इनके दावों के भुगतान पर आपत्ति दर्ज की है।
उन्होंने बताया कि शेष 978 शिक्षा संस्थाओं को 88 करोड़ रुपए की राशि का पोस्ट-मैट्रिक स्कॅालरशिप के अंतर्गत भुगतान कर दी है। तकनीकी शिक्षा विभाग की 302 संस्थाओं को 171 करोड़ रुपए की अदायगी को मंजूरी दे दी गई है ।
उन्होंने कहा कि यदि पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के समय सौहार्द दिखाया होता तो आज दलित छात्रों को दाखिले से वंचित न होना पड़ता।अकाली नेताओं को धरना देने का कोई हक नहीं है क्योंकि उनके कार्यकाल के वर्ष 2014 -2015, 2015 -2016 और 2016 -2017 की बकाया राशि हमारी सरकार को जारी करनी पड़ी ।
शर्मा विक्रम
वार्ता
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