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दृष्टि/नेत्रहीनों को भारतीय मुद्रा की पहचान हेतु आईआईटी राेपड़ ने लाँच की एंड्रायड ऐप ‘रोशनी‘

रोपड़, 23 जनवरी(वार्ता) पंजाब में यहां स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी) की एक टीम ने एंड्रायड आधारिक एक ऐसी एेप विकसित की है जो दृष्टि एवं नेत्रहीनों को भारतीय मुद्रा की पहचान में मदद करेगी। एेप को ‘रोशनी‘ नाम दिया गया है।
इस टीम में संस्थान के सहायक प्रोफेसर डा0 पुनीत गोयल, पीएचडी कर रहे मानधतय सिंह और जूही चौहान तथा संस्थान का एक अन्य विद्यार्थी आर. राम शामिल है जिसने इमेज प्रोसेसिंग एवं एनालिटिक्स का इस्तेमाल करते हुये यह ऐप विकसित की है। अक्सर दृष्टिहीनों को नोटों, इनके मूल्य एवं आकार की पहचान करना तथा इन्हें अलग अलग करना मुश्किल होता है। खासतौर पर नोटबंदी के बाद प्रचलन में आए नये नोटों से उनकी यह दिक्कत बढ़ गई थी। लेकिन यह ऐप अब उनकी इस दिक्कत का समाधान करेगी। इस ऐप को मोबाईल फोन में डाउनलोड करने के बाद कोई भी नोट अगर मोबाईल फोन के कैमरा के सामने लाया जाता है तो ऑडियो से नोट और इसके मूल्य की तुरंत सूचना मिलेगी। इस ऐप से बुजुर्ग लोग भी लाभान्वित होंगे जिनकी उम्र बढ़ने साथ आंखों की रोशनी या तो कम या फिर जा चुकी है।
टीम ने विभिन्न ऐप को विकसित करते हुये इसमें भारतीय मुद्राओं की लगभग 13 हजार इमेजिज का एक बड़ा डाटाबेस तैयार किया है ताकि विभिन्न कोणों से भी प्रस्तुत नोटों को यह तुरंत ही पहचान सके। एक बार में पहचान नहीं होने पर ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता को ‘ट्राई अगेन‘ का संदेश प्राप्त होगा। टीम ने चंडीगढ़ के नेत्रहीन स्कूल में जाकर वहां विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच इस ऐप का परीक्षण किया तथा उसे इस पर बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया हासिल हुई। टीम इस ऐप को लेकर देश में नेत्रहीनों के अन्य स्कूलों में भी लेकर जाएगी।
उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थय संगठन के 2018 की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में नेत्रहीनों की संख्या 130 करोड़ है जिनमें से अधिकतर विकासशील देशों में हैं। भारत में यह संख्या एक तिहाई के करीब है।
रमेश1843वार्ता
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