Friday, Apr 19 2024 | Time 13:31 Hrs(IST)
image
राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचल


पंजाब में 683 करोड़ रूपये के ‘शहरी पर्यावरण सुधार‘ तथा ‘स्मार्ट गांव‘ कार्यक्रमों को मंजूरी

पंजाब में 683 करोड़ रूपये के ‘शहरी पर्यावरण सुधार‘ तथा ‘स्मार्ट गांव‘ कार्यक्रमों को मंजूरी

चंडीगढ़, 29 जनवरी(वार्ता) पंजाब सरकार ने शहरी पर्यावरण सुधार कार्यक्रम (यूईआईपी) के अंतर्गत बुनियादी ढांचे के विकास हेतु शहरी स्थानीय निकायों को 298.75 करोड़ रुपए जारी करने तथा राज्यभर के गांवों में ढांचागत सुविधाओं के विकास के लिये 384.40 करोड़ रूपये के ‘स्मार्ट गांव‘ कार्यक्रम को मंजूरी प्रदान की है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसले लिये गये। बैठक में मुख्यमंत्री सुरक्षा में लगे पुलिस निरीक्षक प्रितपाल सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें पुलिस उपाधीक्षक के रैंक में एक मार्च 2018 से 28 फरवरी 2019 तक एक वर्ष के लिये अनुबंध पर पुननिर्युक्त करने का भी फैसला लिया गया। श्री सिंह वर्ष 2011 से मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात हैं।

सरकार ने राजस्व विभाग के कामकाज में और कुशलता लाने तथा पदोन्तियों की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए तहसीलदार (ग्रुप बी) सेवा नियमों को भी मंजूरी प्रदान की जिनके तहत इनके वेतनमान में पाँचवे वेतन आयोग की सिफारशों के अनुसार सुधार किया गया है।

यूईआईपी के लिये पंजाब बुनियादी ढांचा विकास बोर्ड (पीआईडीबी) राज्य के स्थानीय निकायों को 298.75 करोड़ रूपये की राशि 50-50 प्रतिशत के हिसाब से दो किस्तों में मुहैया कराएगा। कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिये पीआईडीबी जिला स्तरीय कमेटियों का गठन करेगा जो शहरी बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं की के पहचान करने, प्रस्ताव तैयार करने, क्रियान्वयन और इन पर निगरानी का काम करेगी। ये कमेटियां अपने कार्यों सम्बंधी प्रस्ताव एवं खर्च के अनुमान स्थानीय निकायों को भेजेंगी जो इनकी तकनीकी परीक्षा कर इन्हें आगे पीआईडीबी को मंजूरी के लिये भेजेंगी। ऐसे पूरे होने वाले कार्यों का स्थानीय निकाय विभाग तीसरे पक्ष से तकनीकी और वित्तीय परीक्षण भी कराएगा।

राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार करने के लिये वहां बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास, स्वास्थय, शिक्षा और पर्यावरण सुधार कार्यों को पूरा करने के लिये स्मार्ट गांव कार्यक्रम भी शुरू करने का निर्णय लिया है। सरकार ने इस कार्यक्रम के तहत किये जाने वाले कार्यक्रमों को आवश्यक एवं वांछनीय दो श्रेणियों में विभाजित करने का भी निर्णय लिया है जिसके तहत जिला उपायुक्त खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों और अन्य विभागों से कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त करेंगे। ऐसे 25 लाख रूपये तक के प्रत्येक प्रस्ताव को जिला उपायुक्त और अतिरिक्त जिला उपायुक्त(विकास) की क्रमश: चेयरमैन और सदस्य सचिव वाली कमेटी मंजूरी प्रदान करेगी। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद और कार्यकारी अभियंता(पंचायती राज) कमेटी के सदस्य होंगे।

इस कार्यक्रम के लिये ग्रामीण विकास कोष, 14वें वित्तायोग, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम समेत अन्य योजनाओं के तहत प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल किया जाएगा।

मंत्रिमंडल ने बैठक में भू एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा शुरू किये गए कार्यों, टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग निदेशालय, जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग तथा सहकारिता (लेखा) विभाग की वर्ष 2015-16 की प्रशासकीय रिपोर्टों को भी मंजूरी प्रदान की।

रमेश1700वार्ता

image