राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jan 30 2019 1:32PM जींद विस. उपचुनाव की मतगणना कल, उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ीं
जींद, 30 जनवरी(वार्ता) हरियाणा की जींद विधानसभा सीट के लिये गत 28 जनवरी को हुये उपचुनाव की 31 जनवरी को होने वाली मतगणना को लेकर इस चुनाव में उतरे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों समेत 21 उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं।
चुनाव अधिकारी एवं एसडीएम वीरेंद्र सहरावत के अनुसार मतगणना यहां अर्जुन स्टेडियम के बहु-उद्देशीय हॉल में सुबह आठ बजे इलैक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों(इवीएम) को खोले जाने के साथ ही उम्मीदवारों के अधिकृत एजेंटों की मौजूदगी में शुरू होगी तथा इसे देखने के लिए हॉल के बाहर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं जहां मीडिया के बैठने की भी व्यवस्था है। मतगणना के लिये 14 टेबल लगाये गये हैं। मतगणना के 13 दौर होंगे तथा दोपहर तक परिणाम आने की सम्भावना है। मतगणना की ताजा जानकारी निर्वाचन आयोग के पोर्टल पर ऑनलाइन भी उपलब्ध रहेगी।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से मतगणना केंद्र में 10 सीसीटीवी कैमरे लगाए गये हैं। मतगणना केंद्र पर कई घेरों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किये गये हैं। स्टेडियम परिसर के अंदर और बाहर की गतिविधियों पर भी कैमरों की मदद से नजर रखी जाएगी।
इससे पहले गत 28 जनवरी को हुये मतदान में लगभग 75.77 प्रतिशत मतदाताओं ने 174 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में इस सीट पर 75.91 प्रतिशत मतदान हुआ था और तब यहां से इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के डा0 हरिचंद मिडढा जीते थे। यह सीट पर उपचुनाव डा0 मिडढा के निधन गत 26 अगस्त को निधन होने जाने के कारण कराया गया है। हालांकि यह केवल एक विधानसभा सीट ही उपचुनाव था लेकिन निकट भविष्य में लोकसभा चुनावों और इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत इसे राज्य में भावी राजनीतिक दिशा और दशा के रूप में भी देखा जा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और कांग्रेस सरीखे राष्ट्रीय दलों, इनेलो और इससे टूट कर अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी(जजपा) के अलावा भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की नवगठित लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलों के लिये यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है और इन्होंने येन केन प्राकेण इसे जीतने के लिये जी तोड़ मेहनत की है।
भाजपा ने इस चुनाव में डा0 मिडढा के पुत्र कृष्ण मिडढा को टिकट देकर सहानुभूति वोटों के सहारे इस सीट को अपनी झोली में डालने का दांव चला है। वैसे जाट बहुल इस सीट पर भाजपा कभी भी खाता नहीं खो पाई है और वह राज्य में अपनी सरकार के गत चार साल में किये गये कार्यों के दम पर इस बार खाता खोलने का दावा कर रही है। कांग्रेस ने कैथल से विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को जींद उपचुनाव में उतार कर न केवल इस मुकाबले को रोचक बनाने के साथ यह जता दिया है कि उसके लिये यह चुनाव कितना अहम है। देखना यह है कि कांग्रेस के इस फैसले को मतदाताओं ने कितना स्वीकार किया है।
इनेलो के बहुजन समाज पार्टी(बसपा) के साथ गठबंधन में उमेद सिंह रेडू को चुनाव मैदान में उतारा। इनेलो के समक्ष यह चुनाव न केवल अपनी सीट बरकरार रखने बल्कि विधानसभा में विपक्ष के नेता पद को भी बनाए रखने की चुनौती है। डा0 मिडढा और उसके पेहोवा से एक अन्य विधायक जसविंदर सिंह संधू के हाल में निधन के बाद सदन में उसने सदस्याें की संख्या 17 रह गई है और यह कांग्रेस के सदस्यों की संख्या के बराबर है। ऐसे में इस सीट पर जीत ही इनेलो का विपक्ष के नेता का पद सुरक्षित कर सकती है। जजपा ने युवा नेता दिग्विजय चौटाला को तथा लोसुपा ने विनोद आशरी को चुनाव में उतार कर राज्य की राजनीति में स्वयं को स्थापित करने की आस लगाई है। अब देखना यह है कि जींद की राजनीति क्या करवट लेती है।
रमेश1258वार्ता