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पंजाब को वित्तीय संकट से उबारने के लिये कर्ज राहत पैकेज की मांग

पंजाब को वित्तीय संकट से उबारने के लिये कर्ज राहत पैकेज की मांग

चंडीगढ़ , 30 जनवरी (वार्ता) पंजाब को आर्थिक संकट से उबारने के लिये पंद्रहवें वित्त आयोग से कर्ज राहत पैकेज की मांग की गई है ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सके ।

इसके अलावा संकट से जूझ रहे किसानों के सारे कर्ज भी माफ कर कृषि व्यवस्था को मजबूत किया जा सके ।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज पंद्रहवें वित्त आयोग के साथ बैठक के दौरान जीएसटी लागू होने के बाद हो रहे राजस्व घाटे का जिक्र करते हुये कहा कि केन्द्र की ओर से मिलने वाला मुआवजा जुलायी 2022 तक खत्म हो जायेगा जिसके बाद प्रदेश के राजस्व में सालाना 10हजार से 12हजार करोड़ की कमी आयेगी ।इस घाटे को देखते हुये केन्द्र सरकार को पंजाब जैसे राज्यों के लिये मुआवजे को लेकर बनाया फामूर्ला 30 जून 2022 के बाद भी जारी रखा जाये ताकि प्रदेश का वित्तीय संकट का हल किया जा सके ।

मुख्यमंत्री ने आयोग के समक्ष प्रदेश की खास समस्यायें भी उठायीं जिनमें अनुसूचित जाति की सबसे अधिक आबादी ,पंजाब की सीमा का पाकिस्तान से लगा होना , नदी जल तथा सेम और पहाडी इलाके की समस्या तथा पड़ोसी राज्य को औद्योगिक पैकेज दिये जाने से इंडस्ट्री प्रभावित होने जैसी मुख्य समस्यायें हैं ।उन्होंने अपनी सरकार की मांगों का भी जिक्र किया ।

कैप्टन सिंह ने बताया कि उनकी सरकार विभिन्न प्रोग्रामों तथा योजनाओं को चला रही है , उसके बावजूद विकास में पैसों की कमी से रूकावट पैदा हो रही है ।इन परेशानियों को देखते हुये पंजाब को विशेष पैकेज दिये जाने पर बल दिया ।

उन्होंने आयोग को ज्ञापन सौंपा जिसमें पंजाब जीसीएस में कुल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) दर के बकाया कर्ज तथा कुल राजस्व प्राप्तियां की दर से सबसे अधिक ब्याज का भुगतान करने वाला राज्य है ।यह पैकेज आम कर्ज राहत स्कीम के तहत दिया जा सकता है जिसे प्रदेश की वित्तीय कारगुजारी से जोड़ा जाये जिस तरह पिछले समय के आयोगों के समय में होता रहा है ।

उन्होंने बताया कि उनकी सरकार को पिछली अकाली -भाजपा सरकार से 2.10 लाख करोड़ का कर्ज विरासत में मिला था जिससे राज्य माली घाटे वाला राज्य बन गया

है । पिछले आयोग ने इस हालत से पंजाब को निकालने के लिये काम किया था उसी तरह इसे घाटे से निकालने का प्रयास किया जाये ।

कृषि कर्ज राहत मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने दस लाख छोटे तथा सीमांत किसान परिवारों को आठ हजार करोड़ रूपये का पैकेज दिया है फिर भी केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज मिले बिना किसानों की मदद संभव नहीं । उन्होंने किसानों की सहायता के लिये एकमुश्त कर्ज माफी की अपील की ।उन्होंने आयोग से मक्की तथा गन्ने की उचित कीमत नहीं मिलने के कारण उन्हें सहायता मुहैया कराने की अपील की जो क्रमवार 12,350 करोड़ तथा 300 करोड़ तक बनती है ।

उन्होंने फसलों की खरीद संबंधी 31हजार करोड़ रूपये का भी मामला उठाते हुये कहा कि पिछली अकाली सरकार ने अपने अंतिम दिनों में कर्ज के रूप में मानते हुये देनदारी खड़ी कर दी ।इस मामले में उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह कर्ज को अपने सिर ले लेना चाहिये या फिर पंजाब का मैचिंग वित्तीय घाटा ग्रांट देकर 3240 करोड़ रूपये के सालाना ब्याज की जिम्मेदारी से मुक्त करना चाहिये ।

शर्मा विक्रम

वार्ता

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