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स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की जयंती पर कार्यक्रम अायोजित

स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की जयंती पर कार्यक्रम अायोजित

जालंधर, 30 जनवरी (वार्ता) आजादी की पहली लड़ाई के अग्रदूत कहे जाने वाले मंगल पांडे की जयंती के अवसर पर बुधवार को जालंधर में जन जागृति मंच की ओर से श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जन जागृति मंच के अध्यक्ष लाल शर्मा ने मंगल पांडे को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह भारत माता के महान सपूत थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए छोटी सी उम्र में तन, मन और जीवन समर्पित कर दिया। ऐसे क्रांतिकारियों को भारतवासी कभी भुला नहीं सकते। उन्होंने कहा कि मंगल पांडे का जन्म 30 जनवरी 1881 को बलिया जिले के नगवा गांव में हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी की स्वार्थी नीतियों के कारण मंगल पांडे के मन में अंग्रेजी हुकूमत के लिए पहले ही नफरत थी कि बंगाल इकाई में एनफील्ड पी 53 राइफल में नए कारतूस का इस्तेमाल शुरू हुआ तो इन कारतूस को बंदूक में डालने से पहले मुंह से खोलना पड़ता था। सैनिकों के बीच ऐसी खबर फैल गई इन कारतूस को बनाने में गाय तथा सुअर की चर्बी का प्रयोग किया जाता है जो हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए गंभीर धार्मिक विषय था।

मंगल पांडे ने इन कारतूसों के प्रयोग से इन्कार कर दिया। इस घटना ने सैनिकों के मन में अंग्रेज सेना के प्रति आक्रोश पैदा कर दिया था। मंगल पांडे द्वारा लगाई गई यह चिंगारी आजादी की लड़ाई का मुख्य बीज साबित हुई और यही विद्रोही भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहलाया जिसमें सिर्फ सैनिक ही नहीं रजवाड़े, किसान, मजदूर और अन्य सामान्य लोग शामिल हुये।

श्री शर्मा ने कहा कि मंगल पांडे के सपनों का भारत बनाने के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं को उखाड़ना होगा और श्री नरेंद्र मोदी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाकर स्वार्थी नेताओं का खात्मा करना होगा, यही मंगल पांडे जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

ठाकुर.श्रवण

वार्ता

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