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जुमला बजट, किसानों की खिल्ली उड़ाने के समान : कैप्टन अमरिंदर सिंह

जुमला बजट, किसानों की खिल्ली उड़ाने के समान : कैप्टन अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़, 01 फरवरी (वार्ता) केंद्र के आज पेश अंतरिम बजट को नरेंद्र मोदी सरकार का ‘‘जुमला बजट’’ करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बजट को एक बेकार बजट बताया जिसमें किसानों और नौजवानों के लिए कुछ भी नहीं है और यह आम लोगों पर और बोझ डालेगा ।

‘जुमला सरकार’ के बजट पर प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चुनाव पर केंद्रित बजट है जिसका उद्देश्य झूठे वादों से लोगों को गुमराह करना है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यहां जारी बयान में कहा कि चाहे यह ढकोसले के रूप में लोकलुभावना है परंतु यह आखिरी मुकाम पर खड़ी सरकार के बजट का एक नमूना है जिसमें भारत के लोगों के साथ झूठे वादे किये गए हैं।

सीमांत किसानों के लिए सालाना 6000 रुपए के ऐलान को कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए कहा कि संकट में घिरे किसानों के लिए प्रति माह केवल 500 रुपए का ऐलान करके मोदी सरकार ने इस समस्या की गंभीरता को नजरअंदाज किया है। उन्होंने इसको किसान भाईचारे के हितों की खिल्ली उड़ाना बताया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी ने हरेक के खाते में 15 लाख रुपए डालने का वादा किया था परन्तु वह अब अपने कार्यकाल के अंत में 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसानों को केवल 6000 रुपए सालाना देने पर आ गए हैं। इससे उनकी किसान भाईचारे के कल्याण के लिए कुछ भी न करने की मंशा प्रकट होती है।

कैप्टन ने कहा कि उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक न्यूनतमसमर्थन मूल्य के लिए केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके केंद्र सरकार ने केवल आंसू पोंछने की कोशिश की है । उन्होंने कहा कि मक्के का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित है परन्तु इसको सरकार द्वारा खरीदा नहीं जाता बल्कि किसानों को कम मूल्य पर बाज़ार में बेचने के लिए मज़बूर होना पड़ता है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह बजट ‘‘भविष्य काल’’ का बजट है जिसमें अगले पाँच सालों में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था और अगले 8 सालों में 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था की बात की गई है। उन्होंने कहा कि इस बजट में पिछले पाँच सालों के दौरान भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की उपलब्धियों की कोई भी झलक नहीं मिलती।

उन्होंने कहा कि चुनाव को ध्यान में रखकर भविष्यीय रियायतों का ऐलान करके संवैधानिक औचित्य के मानदंडों का उल्लंघन किया गया है जबकि इस समय केवल खर्चा बिल पेश किये जाने की आशा की जा रही थी ।

मुख्यमंत्री ने इस बजट को एक बेमेल बजट बताकर इसकी आलोचना की । उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ रुपए की रियायतें दी गई हैं जिसका नफा-नुकसान 0.5 प्रतिशत बनता है परन्तु सरकार ने अतिरिक्त घाटा केवल 0.1 प्रतिशत दिखाया है । इसका मतलब यह है कि बजट में 80,000 करोड़ रुपए के टैक्स लगाए जाएंगे जिससे आने वाले दिनों में आम लोगों पर और बोझ पड़ेगा।

महेश विजय

वार्ता

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