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बजट से हरियाणा के किसानों को मिलेंगे 660 करोड़ रूपये

हिसार, 02 फरवरी(वार्ता) हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा है केंद्रीय बजट में घोषित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से प्रदेश के पांच एकड़ तक भूमि वाले लगभग 11 लाख किसानों के खाते में सालाना सीधे 660 करोड़ रुपये आएंगे।
श्री धनकड़ ने आज यहां हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के फैकल्टी क्लब पार्क में किसानों को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि बजट हमेशा एक अप्रैल से लागू होता है लेकिन सरकार ने किसान हित में किसान सम्मान निधि योजना को गत दिसम्बर माह से लागू किया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में किसान ही नहीं, श्रमिक-मजदूर, वेतनभोगी और व्यापारी, हर वर्ग के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालकों, मत्स्य पालन करने वालों को भी कृषि क्रेडिट कार्ड और ब्याज में छूट जैसी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। साथ ही कृषि सहयोगी क्षेत्रों में कार्यरत किसानों को भी लाभ प्रदान किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद आज तक किसी सरकार ने किसानों के लिए इस प्रकार की योजना लागू करने की हिम्मत नहीं की। इस योजना से जहां देशभर के 12 करोड़ किसानों के लिए 75 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है वहीं हरियाणा के कुल 16 लाख में से 11 लाख किसान इस योजना के तहत लाभांवित होंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी राशि नहीं है और पिछली सरकारों में इतनी बड़ी राशि के आंकड़े घोटालों के लिए तो सुने जाते थे, विकास और योजनाओं के लिए कभी नहीं सुनाई दिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब, कर्नाटक, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में किसानों के कर्ज माफी के झूठे वादे किए। वास्तव में वहां किसानों के 12, 15 और 200 रुपये जैसी मामूली राशि माफ की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए की गई 75 हजार करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण घोषणा की आलोचना करने का कोई हक नहीं है। उसने तो अपने शासनकाल में किसानों को एक रुपया लाभ देने की घोषणा नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप फसल लागत का न्यूनतम 50 प्रतिशत अधिक लाभकारी मूल्य लागू किया। भावांतर भरपाई योजना के तहत कम भाव मिलने पर किसानों के घाटे की भरपाई सरकार कर रही है। पहली बार प्रदेश में 18 लाख क्विंटल बाजरे की खरीद करने की घोषणा की गई और एक-एक दाना खरीदा भी गया। इतना ही नहीं, ओला, पाला, सूखा पड़े तो भार किसान पर नहीं, सरकारी खजाने पर पड़े, ऐसी व्यवस्था सरकार ने की है।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए फसल बीमा, फसल लागत का 50 प्रतिशत लाभ तथा अब किसान के खाते में एक निश्चित धनराशि भेजना, ये तीनों कदम वर्ष 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चरण सिंह, एचडी देवगौड़ा और पूर्व उपप्रधानमंत्री और किसान नेता देवीलाल भी किसानों के हित में इस प्रकार की योजना को लागू नहीं कर सके थे। गत 70-72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है।
रमेश1928वार्ता
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