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हरियाणा. बसपा-गठबंधन दो अंतिम चंडीगढ़

एक सवाल पर श्री सैनी ने कहा कि वह भले ही भाजपा के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़े थे लेकिन जनता ने वास्तव में उन्हें चुन कर संसद में भेजा है और वह सांसद पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने तथा बसपा नेताओं ने दावा किया कि राज्य की जनता भाजपा, कांग्रेस और इनेलो का शासन देख चुकी है तथा इन दलों से परेशान है ऐसे में उनका गठबंधन आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत दर्ज करेगा।
इससे पहले कल यमुनानगर में हुई बसपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में डा़0 मेघराज ने ऐलान किया था कि राज्य में इनेलो के साथ पार्टी का गठबंधन समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि सुश्री मायावती ने गत शुक्रवार को ही एक बयान में कहा था कि राज्य में चौटाला परिवार अगर एकसाथ होता है तो ही गठबंधन आगे चलेगा, लेकिन ऐसे आसार नजर नहीं आने पर पार्टी सुप्रीमो ने इनेलो के साथ गठबंधन समाप्त करने का फैसला लिया है। हाल ही में श्री सैनी ने भी दिल्ली में सुश्री मायावती से मुलाकात की थी।
उल्लेखनीय है कि राज्य ही जींद विधानसभा उपचुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी उमेद सिंह रेडू को मात्र 3454 वोट मिलने तथा उसकी जमानत जब्त हो जाने के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन बरकरार रहने पर आशंकाओं के बादल गहरा गये थे। इस उपचुनाव में श्री रेडू पांचवें स्थान पर रहे थे जबकि लोसुपा प्रत्याशी गठबंधन प्रत्याशी विनोद आशरी 13582 वोट लेकर चौथे स्थान पर रहे थे। इस उपचुनाव में इनेलो से टूट कर अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी(जजपा) प्रत्याशी दिग्विजय चौटाला 37631 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे। उपचुनाव के परिणामों के बाद ही सुश्री मायावती ने गठबंधन जारी रखने को लेकर चौटाला परिवार पर विवाद सुलझाने की शर्त लगा दी थी।
उधर इस उपचुनाव के परिणामों को लेकर इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। उन्होंने गत छह फरवरी को चंडीगढ़ में हुई पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के बाद पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये इनेलो-बसपा गठबंधन अटूट होने का दावा किया था तथा इस सम्बंध में फैलाई जा रही अटकलों को बेबुनियाद करार दिया था। लेकिन बसपा ने गत शुक्रवार को यमुनानगर में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में इनेलो के साथ गठबंधन समाप्त करने का ऐलान कर श्री चौटाला के दावों ही हवा निकाल दी थी।
इस बीच बसपा और लोसुपा के बीच गठबंधन का ऐलान होने के बाद दलित और पिछड़े वर्गों के साथ आ जाने से राज्य में नये राजनीतिक समीकरण बनने लगे हैं जो आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जैसे बड़े दलों की सम्भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं।
वार्ता रमेश1446
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