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समूचे विपक्ष का कानून व्यवस्था ,किसानों ,शिक्षकों पर लाठीचार्ज मुद्दे पर वाकआउट

चंडीगढ़, 13 फरवरी (वार्ता) पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी (आप) तथा अकाली
दल -भाजपा ने किसानों ,कानून व्यवस्था और शिक्षकों पर लाठीचार्ज के मुद्दे पर आज वाकआउट किया ।
शून्यकाल के दौरान अकाली दल -भाजपा के सदस्यों ने बजट सत्र की अवधि बढ़ाये जाने की अपनी मांग को लेकर शोर शराबा किया क्योंकि वो सदन में जनहित से जुड़े मुद्दों पर बहस कराने के लिये सत्र की अवधि इक्कीस दिन चाहते थे लेकिन उनकी मांग का संतोषजनक जवाब न मिलने पर वो सदन के बीचोंबीच आकर नारेबाजी करते हुये सदन का वाकआउट कर गये ।
आप के सदस्यों ने भी अध्यापकों पर हुये लाठीचार्ज तथा कर्मचारियों की मांगों को लेकर स्थगन प्रस्ताव विस अध्यक्ष राणा केपी सिंह को दिया जिसे नामंजूर कर दिया गया और इसी के विरोध में वे सदन का बहिर्गमन कर गये ।
सदन के बाहर प्रतिपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि सरकार ज्वलंत मुद्दों पर बहस कराने से भाग रही है ।
इससे पहले आप की सदस्य सरबजीत कौर माणूंके ने लुधियाना गैंगरेप का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य में औरतों पर अत्याचार की घटनाएं तेजी के साथ बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था की दयनीय हालत का हवाला देते हुए कहा कि यदि मुल्लांपुर दाखा की पुलिस पीडि़त के सहयोगी की ओर से दी गई सूचना को गंभीरता के साथ लेती तो बचाव हो सकता था। दाखा से विधायक एच.एस. फूलका ने दोषी पुलिस अफसरों-कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर समूचे पुलिस और प्रशासन को सख्त संदेश देने की मांग की ।
मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि पिछले दो वर्षों में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी है । कुछ भी हो गैंगरेप जैसे ऐसे मामलों के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वह निजी तौर पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के साथ मिल कर ऐसे अपराधों के निपटारे के लिए विशेष फास्ट ट्रैक कोर्टें स्थापित करने की अपील करेंगे।
इस मुद्दे पर आप सदस्य कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि यदि पुलिस का डर हो तो कोई भी ऐसे घिनौने जुर्म करने की हिम्मत नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि सुस्त कानून व्यवस्था से सहमे पंजाब के लोग 2002 से 2007 वाले कैप्टन अमरिन्दर सिंह का इंतजार कर रहे हैं इसलिए वह पुलिस, प्रशासन और अपराधियों को सख्त संदेश दें।
श्री संधवां ने पटियाला और बठिंडा में अध्यापकों पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि विरोधी पक्ष की ओर से दिए गए स्थगन प्रस्ताव पर बहस करने से सरकार क्यों भाग रही है ।
शर्मा विजय
वार्ता
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