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डिफॉल्टर अलाटियों को काम शुरू करने के लिए दी समय सीमा में ढील : अरोड़ा

चंडीगढ़, 15 फरवरी (वार्ता) पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज़ और एक्सपोर्ट कोर्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.आई.ई.सी.) ने राज्य के विभिन्न फोकल प्वाइंटों में विकसित इंडस्ट्रियल प्लाटों के डिफॉल्टर अलाटियों को दी गई समय सीमा बढ़ाने को मंजूरी दी है ।
यह जानकारी देते हुये उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने आज यहां कहा कि अलॉटमेंट पत्र/ट्रांसफऱ पत्र/लीज़ दस्तावेज़ में दी असली समय सीमा की अवधि बीतने के बाद उत्पादन और निर्माण फिर शुरू किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में पी.एस.आई.ई.सी.की ओर से विकसित विभिन्न फोकल प्वाइंटों के डिफॉल्टरों को दिए समय में 30 सितम्बर, 2020 तक एक्स्टेंशन देने की अनुमित दी जायेगी। समय सीमा में वृद्धि की अनुमति एक्स्टेंशन फीस की अदायगी के बाद दी जायेगी जो संबंधित फोकल प्वाइंट ऑपरेटिव में कोर्पोरेशन द्वारा तय मौजूदा रिज़र्व कीमत का एक फीसदी प्रति वर्ष के हिसाब से चार्ज किया जायेगा।
उनके अनुसार डिफॉल्टर अलाटियों को मंजूरी के लिए अपना बिल्डिंग प्लान 30 जून तक जमा करवाना होगा और साइट में 30 सितम्बर तक उत्पादन शुरू करना सुनिश्चित करना होगा।
श्री अरोड़ा ने कहा कि अलाटियों को आ रही मुश्किलों और इंडस्ट्रियल एसोसिएशनों की माँगों पर विचार करते हुए निगम के बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्ज़ और सरकार द्वारा एक्स्टेंशन फीस की अदायगी के उपरांत विभिन्न फोकल प्वाइंटों के डिफालटर प्लाट होलडजऱ् को निर्माण/उत्पादन की शुरूआत के लिए अतिरिक्त समय की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि भुगतान न करने की सूरत में अलॉटमैंट के रद्द होने, अलॉटमैंट से सम्बन्धित शर्तों के अनुसार प्लाट की बहाली के अलावा जमा राशि कीे ज़ब्ती के लिए प्लाट के अलाटी ख़ुद जि़म्मेदार होंगे।
श्री अरोड़ा ने कहा कि पिछले कई वर्षों से उद्योगों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है, जिस कारण कई औद्योगिक एसोसिएशनें और अलाटियों की ओर से विभिन्न मंचों पर समय सीमा बढ़ाने की माँग की जा रही है। इन एसोसिएशनों का मानना था कि नोटबन्दी, जी.एस.टी., महँगाई और विदेशी मुद्रा कीमतों में वृद्धि के कारण नये प्रोजेक्टों पर काम शुरू नहीं हो सका । एन.पी.ए. को ध्यान में रखते हुए बैंक आसानी से नये प्रोजेक्टों के लिए लोन नहीं दे रहे। इस कारण संबंधित प्लाट होलडरों को कम से कम दो वर्ष की एक्स्टेंशन की मंज़ूरी देने का आग्रह किया ।
शर्मा विजय
वार्ता
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