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हमें खेतों में अपने किसानों और सीमा पर अपने जवानों पर गर्व : रामविलास शर्मा

हमें खेतों में अपने किसानों और सीमा पर अपने जवानों पर गर्व : रामविलास शर्मा

गन्नौर (सोनीपत), 16 फरवरी(वार्ता) हरियााणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने आज कहा “हमें खेतों में अपने किसानों और सीमा पर अपने जवानों पर गर्व है। राज्य में किसानों ने आधुनिक तकनीक अपनाकर कृषि के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं और राज्य के लिये यह और भी गौरव की बात है कि इस बार गणतंत्र दिवस पर राज्य के तीन किसानों को पद्मश्री जैसे राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है।

श्री शर्मा ने यहां इंडिया इंटरनेशनल हार्टिकल्चर मार्किट में चल रहे चौथे एग्री लीटरशिप सम्मिट में बतौर मुख्यातिथि अपने सम्बोधन में कहा कि गत साढ़े चार वर्षों में किसानों की फसलों के दामों में दो गुना वृद्धि हुई है। बाजरे का दाम 990 रुपये से बढ़ कर 1950 रुपये तक पहुंच चुका है। राज्य गन्ने का दाम भी देश में सबसे ज्यादा दे रहा है। राज्य की मौजूदा सरकार ने वर्ष 2015 में ओलावृष्टि से फसलों को हुये नुकसान या सफेद मक्खी के हमले से कपास की फसल को हुये नुकसान का सबसे ज्यादा 2600 करोड़ रुपये मुआवजा किसानों को दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार किसानों के लिए लगातार कार्य कर रही है। किसानों के लिए एमएसपी तय करने सहित अनेक बेहतरीन कार्य किए गए हैं। भावांतर भरपाई जैसी योजनाएं हमारे किसानों के लिए बड़ा वरदान हैं। इस दौरान उन्होंने दो दिन पहले पुलवामा में आतंकी हमले को लेकर कहा “हमें अपने जवानों पर गर्व है। उन्होंने कहा कि हम अपने जवानों की शहादत का बदला दुश्मन से जल्द लेंगे“।

इस दौरान हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि सरकार ने किसानों को सम्मान देने का फैसला किया ताकि किसान अपने कार्य में सुधार लाएं। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में किसानों ने 50 लाख लीटर प्रतिदिन दूग्ध उत्पादन में वृद्धि की है। नौजवान पशुपालन जैसे व्यवसाय से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें मिश्रित खेती की तरफ अपना रूझान बढ़ाना होगा। पशुपालन को अपनी खेती का अंग बनाना होगा। अगर पशुपालन खत्म होगा तो खेती भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने समिट में पहुंचे किसानों को बधाई दी और खेतों में पराली न जलाने का आह्वान भी किया।

कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने तीन दिवसीय इस समिट में हजारों किसानों के पहुंचने पर बधाई देते हुए कहा “हम कृषि को घाटे के सौदे से फायदे का व्यवसाय बनाने की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार ने कृषि के लिए लगातार कार्य किए हैं। प्रदेश के 25 किसानों को कृषि रत्न पुरस्कार देने जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले प्रदेश के तीन किसानों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है। हमने खेती किसानी का सम्मान बचाकर इसे सबसे उपर लाने का कार्य किया है। पशुओं को काला सोना बनाकर किसानों की आय बढ़ी है। आज सुल्तान, युवराज जैसे भैंसे किसानों की मेहनत की पहचान हैं। सत्तर लाख रुपये तक की कमाई ये भैंसे कर रहे हैं। खेती प्लस तो धन प्लस के वादे के साथ हम किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं। खेती के साथ पोल्ट्री को बढ़ावा दिया गया है। जिसके खेत में मछली उसकी जेब में लक्ष्मी की कहावत को साकार किया है। किसानों को बागवानी एवं बागवानी की ओर प्रेरित किया है। हम चाहते हैं कि दिल्ली का बाजार हमारे किसानों के कब्जे में हो। दिल्ली वालों को ताजा दूध, सब्जी, फल और फूल हम दें। इसलिए हम गुरूग्राम में फूल मंडी विकसित कर रहे हैं और सोनीपत के गन्नौर की इस हार्टिकल्चर मार्किट को विकसित कर रहे हैं। हम बागड़ी और खादरी दोनों को आगे लेकर बढ़े हैं। गन्ने के साथ-साथ बाजरे का दाम भी बढ़ा है। केंद्रीय पूल में हम 15 करोड़ क्विंटल आनाज दे रहे हैं। इस दौरान उन्होंने किसानों से अपनी फसल को वहां बेचने का आह्वान किया जहां इसके उन्हें अधिक दाम मिलें“।

इस अवसर पर प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों के विकास के लिए अच्छी योजनाएं बनाई हैं। 44 हजार किसानों को बिजली के कनेक्शन दिए जा रहे हैं। खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री कर्णदेव कम्बोज ने कहा “हमारे समक्ष सबसे बड़ी समस्या यह थी कि किसान का बेटा खेती नहीं करना चाहता था लेकिन आज हम खेती को फायदे का सौदा बनाने के लिए काम कर रहे है“।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप साही, हरियाणा के जनस्वास्थ्य मंत्री बनवारी लाल, विधानसभा उपाध्यक्ष संतोष यादव, किसान नेता कृष्णवीर चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी, अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू ने भी किसानों को सम्बोधित किया।

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