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बिना अनुमति के किसी भी गुरुद्वारा में नहीं होगी कारसेवा-लोंगोवाल

अमृतसर, 05 अप्रैल (वार्ता) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लोंगोवाल ने सिख विरासत से सम्बन्धित इमारतों, विरासती यादगारों, ऐतिहासिक वस्तुओं और ऐतिहासिक वृक्षों आदि को बचाने और व्यवस्थित करने के लिए एक विरासती समिति का गठन किया है।
शिरोमणि समिति के सचिव डॉ रूप सिंह ने शुक्रवार को यहां जारी एक बयान में बताया कि भविष्य में विरासत समिति की अनुमति के बिना किसी भी गुरुद्वारा में कारसेवा नहीं करवाई जाएगी। समिति में राजिन्दर सिंह मेहता और एडवोकेट भगवंत सिंह स्यालका के इलावा गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के तीन सदस्य डॉ करमजीत सिंह चाहल, डॉ. सुलक्खण सिंह और प्रो. रावल सिंह, पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना से इतिहासकार डॉ नरिन्दरपाल सिंह, सरदार सिंह इंचार्ज सितारगंज म्युज़ियम हैदराबाद, कुलबीर सिंह शेरगिल्ल चीफ़ इंजीनियर, शिरोमणि समिति के सचिव इमारतें और शिरोमणी समिति के इमारती विभाग को इस विरासती समिति में शामिल किया गया है।
डॉ रूप सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा तरन तारन साहब की दर्शनीय ड्योढ़ी गिराए जाने की जांच के लिए गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट एसजीपीसी प्रधान भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल को सौंप दी है जिसके आधार पर दोषियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि गुरूद्वारा के प्रवेश द्वार को गिराया जाना धार्मिक और मर्यादा सम्बन्धित हुई अवज्ञा का मामला है, जिससे श्री अकाल तख़्त साहब पर पेश किया जायेगा।
सं.ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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