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पांच राज्यों के चुनाव अधिकारी ,डीजीपी तथा अन्य अधिकारियों की बैठक

चंडीगढ़, 18 अप्रैल (वार्ता) चार राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्र की अंतरराज्यीय समन्वय समिति तथा विभिन्न लॉ एन्फोर्समैंट एजेंसियों के अधिकारियों की मतदान के सिलसिले में बैठक हुई जिसमें पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी और पुलिस महानिदेशक विशेष तौर पर उपस्थित थे।
बैठक में पंजाब के अलावा हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू -कश्मीर के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में एडीजीपी सह चुनाव नोडल अधिकारी आर.एन. ढोके ,अतिरिक्त सी.ई.ओ. कविता सिंह, अतिरिक्त सी.ई.ओ. सिबन. सी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य चुनाव अधिकारी डा. एस. करुणा राजू ने कहा कि मतदान के दौरान पंजाब और इसके पड़ोसी राज्य इंटरस्टेट बैरियर्ज की स्थापना को यकीनी बनाएं और यहाँ से निकलने वाले वाहनों की चैकिंग भी यकीनी तौर पर करें। उन्होंने कहा कि वाहन किसी भी तरह का हो, वह चाहे सरकारी गाड़ी हो या एंबुलेंस हो, चैकिंग जरूर की जानी है। दिल्ली और अन्य राज्यों से आने वाली वोलवो बसों और ट्रकों आदि की चैकिंग अचानक नाके लगाकर की जाये। सी.सी.टी.वी. कैमरे भी इन नाकों पर लगाए जाएँ।
डा. राजू ने कहा कि विभिन्न इन्फोर्समैंट एजेंसियाँ मतदान पारदर्शी और बिना किसी डर भय के सुनिश्चित करवायें । उम्मीदवारों की तरफ से चुनाव प्रचार के लिए तय सीमा 70 लाख रुपए सम्बन्धी विशेष निगरानी रखी जाये और किसी भी तरह के संभावी नशीले पदार्थों, ग़ैर -कानूनी हथियारों की तस्करी पर भी पूरी नज़र रखी जाये। ऑनलाइन ट्रांजैक्शनों, ग़ैर कानूनी तौर पर लाई जा रही नकदी पर नज़र रखी जाये क्योंकि वोटों को प्रभावित करने के लिए पैसों की सबसे ज़्यादा प्रयोग की शिकायतें मिलती हैं। किसी भी धार्मिक स्थल का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए न करने दिया जाये।
उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य में हरेक असेंबली हलके में एक गाड़ी सीसीटीवी कैमरा लगाकर 24 घंटे निगरानी का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य में अन्तिम दौर में मतदान होने के कारण दूसरे राज्यों से भी लोग वोटरों को प्रभावित करने के लिए आ सकते हैं। इसलिए पहले ही एहतियाती कदम उठाए जाएँ।
उन्होंने सभी राज्यों के अधिकारियों को चुनाव आयोग की ओर से जारी हिदायत के बारे में अवगत कराया कि मतदान के दौरान नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में सज़ा काट रहे कैदियों को पैरोल न दी जाये और साधारण कैदियों को भी मुख्य चुनाव अधिकारी से स्वीकृति के बाद ही कम से कम समय की पैरोल दी जाये ।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने पंजाब के पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों और विभिन्न लॉ इन्फोर्समैंट एजेंसियों के अधिकारियों को कानून व्यवस्था सम्बन्धी जानकारियां साझा करने की हिदायत की गई।
शर्मा विजय
वार्ता
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