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करनाल आईटीआई में पुलिस लाठीचार्ज : जांच व एसपी के तबादले की मांग

हिसार, 23 अप्रैल (वार्ता) करनाल में 12 अप्रैल को औद्आयोगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में पुलिस के लाठीचार्ज की उच्च स्तरीय जांच करवाने और पुलिस अधीक्षक का तबादला करने की मांग को लेकर आज यहां कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकाला।
कैंडल मार्च की अध्यक्षता सर्व आईटीआई अनुबंध-अनुदेशक संघ के प्रधान सतीश न्यौल ने की। प्रदर्शनकारी आईटीआई कर्मचारियों ने कहा कि 12 अप्रैल को करनाल पुलिस ने बाबू मूलचंद जैन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में जबरन घुसकर छात्र-छात्राओं, स्टाफ सदस्यों व प्रधानाचार्य पर लाठीचार्ज करके अशोभनीय कार्य किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मचारियों ने गुरु पद की गरिमा को खंडित करने का काम किया है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान सुरेन्द्र मान ने कहा कि एक ओर तो प्रधानमंत्री मोदी कुशल भारत कौशल भारत का नारा देते हैं और दूसरी ओर हरियाणा पुलिस कौशल विकास को बढ़ावा देने वाले अनुदेशकों को सरेआम जानवरों की तरह पीटती है। इस प्रकार की घटना हरियाणा के इतिहास में पहले कभी भी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इस दिन को हरियाणा के काले दिन के रूप में याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर उपायुक्त ने एक जांट कमेटी का गठन किया था व कमेटी को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 7 दिन का समय दिया था। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक को इस प्रकरण से संबंधित सभी दस्तावेज व संस्थान की सीसीटीवी कैमरा की डीवीआर फुटेज जांच कमेटी को देने के निर्देश दिए गये थे, लेकिन पुलिस अधीक्षक ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज व डीवीआर अभी तक जांच कमेटी को उपलब्ध नहीं करवाई है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें हैं कि मृतक छात्र के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए, उस दिन आईटीआई के लिए नियुक्त किए गए ड्यूटी मजिस्ट्रेट का नाम सार्वजनिक किया जाए, संस्थान में हवाई फायर व लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारी का नाम सार्वजनिक किय जाए और ऐसे आदेश देने वाले अधिकारी को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाए, पुलिस अधीक्षक का तुरंत प्रभाव से तबादला किया जाए, इस मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक या सीबीआई जांच करवाई जाए, आईटीआई संस्थान से पुलिस द्वारा उठाई गई डीवीआर उपलब्ध करवाई जाए और डीवीआर को उठा कर ले जाने वाले कर्मचारियों में मुकदमा दर्ज किया जाए, प्रदेश में सभी आईटीआई से छात्राओं को बस स्टैंड तक आने व जाने के लिए बस उपलब्ध करवाई जाए व सभी आईटीआई के सामने सरकारी व निजी बसों के ठहराव के आदेश जारी किए जाएं तथा छात्रों पर दर्ज मुकदमें तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाएं।
सं महेश
वार्ता
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