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भाजपा प्रत्याशी के ताजा और 2014 एफिडेविट में दर्शाए अपने पैन कार्ड नंबर में अंतर : वकील

चंडीगढ़, 23 अप्रैल (वार्ता) एक वकील ने आज आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के अंबाला लोकसभा सीट से प्रत्याशी रतन लाल कटारिया के ताजा और 2014 आम चुनाव के समय दाखिल हलफनामे में दर्शाये गये परमानंट अकाऊंट नंबर (पैन) कार्ड के नंबर में अंतर है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वकील हेमंत कुमार के आज यहां जारी बयान के अनुसार शुक्रवार को अम्बाला (आरक्षित) संसदीय सीट से श्भारी कटारिया ने अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन भरने के बाद पत्रकारों से बातचीत में श्री कटारिया ने बताया कि एक सांसद के तौर पर मिलने वाले वेतन और भत्तों के अतिरिक्त उनकी कहीं और से कोई आमदनी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा की प्रति माह उन्हें तीन लाख रुपये के करीब वेतन और भत्ते प्राप्त होते हैं एवं इस तरह से उनकी सालाना आये 36 लाख के करीब बनती है।
श्री कुमार के अनुसार उन्होंने श्री कटारिया के नामांकन पत्र के साथ दायर हलफनामे को डाउनलोड कर जब उसका अध्ययन किया तो उन्हें पैन नंबर अलग होने का पता चला। श्री कुमार के अनुसार इस बार श्री कटारिया ने जो पैन नंबर दिया है व 2014 में जो पैन नंबर दिया था वह अलग था।
श्री कुमार के अनुसार किसी भी व्यक्ति को इनकम टैक्स पैन कार्ड नंबर एक बार ही अलॉट किया जाता है फिर चाहे वह देश के किसी भी हिस्से में शिफ्ट जो जाए या अपना व्यवसाय और कारोबार कोई भी कर ले अथवा किसी भी पद पर निर्वाचित हो जाए। श्री कुमार ने यह भी बताया कि पैन कार्ड के चौथे अंग्रेजी अक्षर से पता चलता है कि यह पैन कार्ड किसी व्यक्ति को जारी किया गया है या किसी कंपनी को अलॉट हुआ है। अगर यह अक्षर अंग्रेजी का पी हो तो इसका अर्थ है यह किसी व्यक्ति तो जारी हुआ है और अगर अक्षर अंग्रेजी का सी है तो इसका मतलब यह किसी कंपनी को अलॉट हुआ है और चूंकि श्री कटारिया के वर्ष 2014 के हलफनामे में यह अक्षर सी है, इसका अर्थ तो यही निकलता है कि उनको यह पैन कार्ड किसी कंपनी के तौर पर जारी हुआ है।
एडवोकेट कुमार के अनुसार ऐसा क्यों किया गया या ऐसा कैसे हो गया इस बारे में सारी स्थिति स्वयं श्री कटारिया ही स्पष्ट कर सकते हैं।
इस बीच श्री कटारिया ने संपर्क करने पर बताया कि मुद्दा पिछली बार था व उन्होंने टैन नंबर दिया था तथा वह मुद्दा हल किया जा चुका है।
सं महेश
वार्ता
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