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तेईस मई के बाद केंद्र में सरकार के गठन को लेकर भाजपा विरोधी सभी राजनीतिक दलों बातचीत करेंगे: शर्मा

चंडीगढ़, 05 मई(वार्ता) वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि 23 मई को आने वाले लोकसभा चुनावों के नतीजों में कांग्रेस सबसे बड़े विपक्षी पार्टी के रूप में उभरेगी तथा केंद्र में सरकार के गठन के लिये अपनी अहम जिम्मेदारी को समझते हुये वह समान विचारधारा वाले सभी दलों से विचार विमार्श करेगी।
श्री शर्मा ने चंडीगढ़ से पार्टी उम्मीदवार पवन कुमार बंसल के लिये चुनाव प्रचार करने के से पूर्व आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में पार्टी के चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर अधिकर जोर दिया गया है जिसके तहत उसका कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों के साथ चुनावी गठजोड़ है भी। इसके अलावा जिन राज्य में कांग्रेस का भाजपा के साथ सीधा मुकाबला है वहां वह अपने बूते पर अधिकाधिक सीटें जीतने के लिये गठबंधन को तरजीह नहीं देगी। उन्होंने कहा “आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब और हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती थी। जो मंजूर नहीं था। क्योंकि इन राज्यों में उसका भाजपा के साथ सीधा मुकाबला है। विधानसभा चुनावों में भी बहुजन समाज पार्टी(बसपा) और समाजवादी पार्टी(सपा) ने राजस्थान और मध्यप्रदेश में सीटें मांगी थीं लेकिन कांग्रेस के लिये वहां अपनी राजनीतिक जमीन छोड़ना सम्भव नहीं था। “
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा कांग्रेस और भाजपा को एक ही थाली का चट्टा बट्टा बताए जाने के बयान को लेकर सवाल पर श्री शर्मा ने कहा कि वह बसपा सुप्रीमो और सपा प्रमुख की कोई आलोचना नहीं करना चाहते। श्री राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी इन नेताओं की आलोचना नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिये उत्तर प्रदेश बेहद महत्वपूर्ण है। भले ही वहां कांग्रेस कमजोर हुई है लेकिन वहां पार्टी अपनी विचारधारा के वजूद की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां जहां बसपा और सपा के बड़े नेता चुनाव में हैं वहां कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारे हैं। बिहार में भी पार्टी ने ऐसा ही किया है। उन्होंने कहा के केंद्र में सरकार के गठन में इन दलों के सहयोग की दरकार होगी।
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि 23 मई को लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभरेगी और अपनी जिम्मेदारी को समझते हुये वह केंद्र में सरकार के गठन को लेकर भाजपा विरोधी सभी दलों के साथ बैठ कर सहमति बनाएगी। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार की इस चुनाव में हार निश्चित है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में केंद्र में रहते हुये देश के किसानों का कर्ज माफ किया है। मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में पार्टी सरकार बनने के बाद उसने अपने वादे के अनुसार किसानों की कर्ज माफी की है। इस बार कांग्रेस की केंद्र में पुन: सरकार बनने पर वह फिर से कांग्रेस की कर्ज माफी करेगी तथा इस सम्बंध में वह अपने घोषणा पत्र के अनुसार किसानों के लिये रेल बजट की तर्ज पर अलग से बजट प्रस्तुत करेगी।
देश के पांच करोडृ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रूपये देने को लेकर सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिये पार्टी जनता पर कोई नया कर्ज नहीं थोपेगी बल्कि यह राशि अनावश्क खर्चो में कटौति कर जुटाएगी। उन्होंने कहा कि गरीबों खातों में यह राशि डालने से उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी जिससे सरकार को करों के रूप में ज्यादा आमदनी होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस वादे को पूरा करने के लिये कुल बजट का मात्र 1.8 प्रतिशत राशि की जरूरत होगी।
रमेश1647वार्ता
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