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अफस्पा की समीक्षा करने की बात कर आतंकी ताकतों को बढ़ावा दे रही कांग्रेस: ब्रि0 खुशाल

शिमला, 09 मई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) संबद्ध और कारगिल युद्ध में हीरो रहे ब्रिगेडियर(सेवानिवृत्त) खुशाल ठाकुर ने आज कहा कि कांग्रेस का अपने चुनाव घोषणा पत्र में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफस्पा) की समीक्षा करने का वादा देश के सुरक्षा बलाें का मनोबल गिराने का कुत्सित प्रयास है।
ब्रि़0 ठाकुर ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस अफस्पा की समीक्षा कर सेना के हाथ बांध कर आतंकी ताकतों को बढ़ावा देने का काम करना चाहती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वन रैंक-वन पेंशन लागू करने में नाकाम रही। वर्ष 1971 के युद्ध के शौर्य का इनाम देने के बजाय कांग्रेस ने जवानों की पेंशन 70 से घटा कर 30 प्रतिशत कर दी थी। यह कांग्रेस की ही नाकामी रही कि सेना के शौर्य से 1971 के युद्ध में लगभग 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाने के बावजूद शिमला में बातचीत की टेबल पर हम बाजी हार गये और इन बंदी सैनिकों के बदले एक भी मांग नहीं मनवा सके।
राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों में हमारी सेना ने नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों को मार कर राजनीतिक इच्छाशक्ति और मजबूत नेतृत्व का परिचय दिया है। सेना वही और उसकी बहादुरी और जज्बा भी वही है लेकिन कूटनीतिक मोर्चे पर आज हम जितने मजबूत हैं उतने पहले कभी नहीं थे। उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध में सेना नियंत्रण रेखा को पार करना चाहती थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबावों, पाक के परमाणु बम के प्रयोग की धमकियों के चलते अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी यह फैसला नहीं ले सकी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति का ही नतीजा है कि दोनों स्ट्राइक के बाद कोई प्रतिरोध कामयाब नहीं हुआ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमारे साथ खड़ा हुआ। चीन के वीटों के बाद आखिरकार आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना अजहर मसूद अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित हुआ।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने पहल करते हुए करीब 50 साल से लंबित चल रहे वन रैंक-वन पेंशन के मामले को सुलझा कर लाखों पूर्व सैनिकों को उनका हक दिलाया है। मोदी सरकार ने ही दिल्ली में राष्ट्रीय स्मारक बनाकर शहीदों का मान सम्मान बढ़ाया है।

ब्रि़0 ठाकुर ने कहा कि राज्य की बात करें तो जयराम सरकार ने सैनिकों की पेंशन 500 से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दी। हिमाचल रेजिमेंट स्थापित करने की मांग पर भी अमल होने वाला है। कीर्ति चक्र की सम्मान राशि 1.5 लाख से बढ़ाकर दो लाख रूपये तथा सेना में अधिकारी बनने की एसएसबी ट्रेनिंग राशि 6000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रूपये और विकलांग पूर्व सैनिकों की वार्षिक सहायता 85000 से बढ़ाकर एक लाख रूपये की गई है।
सं.रमेश1846वार्ता
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