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चुनाव. हरियाणा-फरीदाबाद तस्वीर दो अंतिम चंडीगढ़

वहीं कांग्रेस छोड़ कर पुन: कांग्रेस में लौटने वाले श्री भड़ाना से श्री नागर, पार्टी के अन्य नेता और समर्थक नाराज हैं और इनसे भीतरघात का खतरा है। श्री भड़ाना पांचवीं बार लोकसभा में पहुंचेंगे या नहीं उसमें इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों पलवल से पार्टी के विधायक करण दलाल, होडल से उदय भान और तिगांव से श्री ललित नागर की भूमिका अहम रहेगी। श्री भड़ाना पिछला चुनाव साढ़े चार लाख मतों के अंतर से हारे थे ऐसे में उन्हें जीत के लिये यह बड़ा अंतर पाटना भी एक बड़ी चुनौती होगी।
उधर, आप का हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन हुआ है। ऐसे में आप प्रदेशाध्यक्ष जयहिंद गठबंधन उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। लेकिन आप की दिल्ली में सरकार होने के बावजूद राजधानी से सटे इस लोकसभा क्षेत्र में पार्टी की यहां राजनीतिक जमीन इतनी मजबूत नहीं है। वहीं इनेलो में टूट होने से अस्तित्व में बाई जजपा का भी नई पार्टी होने के नाते वैसा जनाधार नहीं बन पाया है कि वह गठबंधन प्रत्याशी की जीत सुनिश्चत कर सके। वहीं इनेलो के टूटने से से यह पार्टी भी कमजोर हुई है और सीधी टक्कर देने में कहीं दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में ये दल भाजपा और काग्रेस का वोट काटने और उन्हें नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे।
फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण की बात करें तो यहां जाट, गुर्जर, ब्राह्मण, मुस्लिम, दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) उम्मीदवारों की किस्मत बनाने बिगाड़ते हैं। क्षेत्र में जाट, गुर्जर, दलित और ओबीसी मतदाताओं की संख्या लगभग तीन-तीन लाख है। ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता लगभग दो-दो लाख, पंजाबी, राजपूत और वैश्य लगभग एक-एक लाख मतदाता हैं। राष्ट्रीय राजधानी से सटा होने के कारण यहां कामकाजी लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं और वे भी यहां के मतदाता हैं।
हरियाणा के गठन के बाद अब तब फरीदाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस छह बार, भाजपा चार बार तथा एक बार अन्य दल चुनाव जीते हैं।
रमेश1551वार्ता
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