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ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से करें कार्य: राज्यपाल

शिमला, 11 मई (वार्ता) हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि आनंद स्वरूप ईश्वर के प्रति समर्पण और अहंकार का त्याग कर हम सुखमय जीवन जी सकते हैं।
उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि जीवन में सकारात्मक सोच पैदा करें। राज्यपाल आज ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिमला सेवाकेंद्र में ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन की अध्यक्षता कर रहे थे। इस संगोष्ठी में देश-विदेश से आए करीब 150 वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों ने भाग लिया।
ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा राष्ट्र निर्माण और मानवता के प्रति किए जा रहे कार्य की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि भौतिक सुख को प्राप्त कर हमने अपने जीवन को कष्टकारी बना दिया है। शांति व आनंद का जीवन विज्ञान के साथ नहीं बल्कि आध्यात्म के साथ है।
‘‘खुशनुमा जिन्दगी’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि जिनके जीवन में अनुकुलता होती है, वह व्यक्ति सुखी है और मन के विपरीत कार्य दुखी करता है। जहां त्याग है वहां सुख है और जहां वियोग है वहां दुख है।
उन्होंने कहा कि ईर्ष्या, घृणा, असंतुष्टि, क्रोध, शंका दुख का कारण है, ऐसा व्यक्ति कभी सुखी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि योग शास्त्र में सुखी रहने के उपाये बताये गए हैं, जिनमें अच्छे व्यक्तियों का सानिध्य, दीन-दुखियों की सेवा और दुष्टों की उपेक्षा करना शामिल है।
राज्यपाल की पत्नी दर्शना देवी, राज्यपाल के सलाहकार डॉ. शशीकांत शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सं शर्मा
वार्ता
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