राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: May 12 2019 7:35PM बादलों के कर्म उनका पीछा कर रहे,कहीं छिपने की जगह नहीं मिलेगी :अमरिन्दर
चंडीगढ़, 12 मई (वार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ,पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल तथा अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल को सलाह दी है कि उनके अब बोरिया बिस्तर समेटना का समय आ गया है क्योंकि उनके कुकर्मों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया है ।
कैप्टन सिंह ने आज यहां कहा कि बादलों को जल्द ही उनके छिपने की कोई भी जगह नहीं मिलेगी । प्रचार के दौरान श्रीमती बादल का कल लोगों द्वारा विरोध किया जाना स्वाभाविक है। यह लोगों का गुस्सा है जो अकाली दल के दस सालों के कुशासन के दौरान लोगों ने झेला और अब बाहर निकल रहा है ।
कुछ गांवों में अकालियों के विरोध पर हैरानी प्रकट करते कैप्टन सिंह ने कहा कि पिछले दस सालों में बादलों और उनके सहयोगियों से लोगों को जो मिला वही वापस उन्हें मिल रहा है । जैसा बीज डालोगे वैसा ही फल लगेगा। उनका गुस्सा बाहर आ रहा है। श्रीमती बादल को बठिंडा हलके के एक गाँव में जाने से रोके जाने से साफ होता है कि बादलों के कर्म उनका पीछा कर रहे हैं क्योंकि उनके एक दशक के कुशासन के दौरान पंजाब के लोगों ने दुख झेला है।
उन्होंने कहा कि अकालियों ने बेअदबी के मामलों पर लोगों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश की तथा अपनी संभावनाओं को ख़ुद ही गवां लिया है। ख़ुद अकालियों ने विधानसभा मतदान से पहले समूची सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग किया था लेकिन लोगों के गुस्से के कारण अकालियों का पूरी तरह सफाया हो गया था। लोग बादलों को माफ नहीं करना चाहते ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में मंत्री होने के बावजूद श्रीमती बादल पंजाब के लोगों के किसी भी वर्ग के लिए कुछ भी करने से असफल रही है। इसे बठिंडा के लोग देख रहे हैं। अब वह उन लोगों से ही वोटें माँग रही है जिनको इनके परिवार ने ही तबाह करके रख दिया है। लोगों का विरोध कुदरती है और वे झूठे निंदा-प्रचार और झूठी बातों को नहीं सुनना चाहते।
उन्होंने कहा कि किसानों का गुस्सा जायज़ है। वे यह मानते हैं कि मोदी सरकार में मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी होने के बावजूद श्रीमती बादल इन सालों में किसान भाईचारे के लिए कुछ भी नहीं कर सकी। किसानी समस्याओं के हल के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट ही कारगर है जिसे भाजपा का नेतृत्व वाली एन.डी.ए सरकार ने ताले में बंद करके रख दिया। जबकि वित्तीय संकट के बावजूद उनकी सरकार ने कृषि कर्ज माफी स्कीम शुरू की।
श्रीमती हरसिमरत कौर के धरने को नौटंकी बताते हुए कैप्टन सिंह ने कहा कि साल 2017 में भी उनके इस तरह के दांव -पेेंच असफल हो गए थे । रैलियों में रुकावट डालने से या सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के संकुचित दांव -पेंच बरतने की कांग्रेस पार्टी या उनकी सरकार को कोई ज़रूरत नहीं है। ऐसा केवल बादल ही कर सकते हैं । बादलों को लोकतांत्रिक संस्थाओं या पंजाब के लोगों का रत्ती भर भी सत्कार नहीं है