चंडीगढ़, 14 मई(वार्ता) हरियाणा की दस लोकसभा सीटों के लिये गत 12 मई काे हुये चुनाव में राज्य के कुल 1,80,56,896 मतदाताओं में से 70.34 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
निर्वाचन आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनावों में अधिकाधिक मतदान सुनिश्चत करने के लिये बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया था। पहली बार बने युवा मतदाताओं में मतदान के प्रति जोश भरने से लेकर बुजुर्गों,विकलांगों और दृष्टिहीनों को मतदान करने के लिये अनेक सुविधाओं के भी इंतज़ाम किये थे लेकिन इतनी कवायद करने पर कोई आशातीत परिणाम सामने नहीं आए। मतदान प्रतिशत भले ही 70.34 प्रतिशत रहा लेकिन यह वर्ष 2014 के 71.86 प्रतिशत मतदान से कम ही रहा।
चुनाव विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस बार लगभग 71 प्रतिशत पुरूष और 69.61 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सिरसा संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 75.97 प्रतिशत तथा फरीदाबाद में सबसे कम 64.12 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके अलावा कुरूक्षेत्र में 74.32 प्रतिशत, हिसार में 72.37 प्रतिशत, अम्बाला में 71.12 प्रतिशत, रोहतक में 70.57 प्रतिशत, सोनीपत में 70.96 प्रतिशत, भिवानी-महेन्द्रगढ़ में 70.49 प्रतिशत, गुड़गांव में 67.36 प्रतिशत तथा करनाल में 68.35 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य में इस बार 11 महिलाओं समेत 223 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।
देश में सर्वप्रथम लोकसभा 1951 में हुये थे। राज्य एक नवम्बर 1966 को अस्तित्व में आया था। वर्ष 1951, 1957 और 1962 के लोकसभा चुनावों में समय हरियाणा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। हरियाणा में प्रथम लोकसभा चुनाव वर्ष 1967 में हुये थे तथा तब से लेकर 2019 तक के संसदीय चुनावों के मतदान आंकड़ों पर अगर नजर डालें तो राज्य में अभी तक केवल पांच बार ही मतदान का आंकड़ा 70 प्रतिशत को छू सका है। वर्ष 1967 में मतदान 72.61 प्रतिशत, वर्ष 1971-64.35 प्रतिशत, वर्ष 1973-73.26 प्रतिशत, वर्ष 1981-64.76 प्रतिशत, वर्ष 1984-66.64 प्रतिशत, वर्ष 1989-64.41 प्रतिशत, वर्ष 1991-65.24 प्रतिशत, वर्ष 1996-70.48 प्रतिशत, वर्ष 1998-68.99 प्रतिशत, वर्ष 1999-63.68 प्रतिशत, वर्ष 2004-65.72 प्रतिशत, वर्ष 2009-67.48 प्रतिशत, वर्ष 2014-71.86 प्रतिशत और वर्ष वर्ष 2019 में यह 70.34 प्रतिशत रहा है।