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पुलिस गोली के शिकार पीड़ितों की याद में बरगाड़ी इलाके में स्मारक बनाने का ऐलान

फऱीदकोट, 15 मई (वार्ता)पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बहबल कलाँ और कोटकपूरा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोली से मारे गए या घायल होने वालों की याद में बरगाड़ी या नज़दीक एक स्मारक बनाने का ऐलान किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा बरगाड़ी और बेअदबी के अन्य मामलों को अतीत की बात होने के दावों की खिल्ली उड़ाते हुए कैप्टन सिंह ने कहा कि लोग धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को न तो भूले हैं और न ही कभी भूलेंगे। अकाली दल के सरपरस्त को यह सुझाव देने के लिए शर्मसार होना चाहिए। मुख्यमंत्री फऱीदकोट से कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद सदीक के समर्थन में आज यहां जनसभा को संबोधित कर रहे थे । इस मौके पर कांग्रेस पार्टी के प्रधान राहुल गांधी ने भी रैली को संबोधित किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख भाईचारा पिछले पांच सौ सालों के दौरान अपने किसी भी सदस्य के बलिदान को नहीं भूला और वह इसको भी नहीं भूल सकते। श्री बादल 93 साल की उम्र होने के बावजूद इस सच्चाई को नहीं जान सके ।
बादलों के राज में घटी घटनाओं को कोई किस तरह भूल सकता है। एक या दो नहीं बल्कि 58 गुरू ग्रंथ साहिबान की बेअदबी हुई है। इसके अलावा अनेकों गुटका साहिब, भगवत गीता, बाइबल और कुरान की बेअदबी हुई।
कैप्टन सिंह ने कहा कि बादलों के नाक के नीचे बेअदबी के विरुद्ध शांतिपूर्ण विरोध के दौरान पुलिस गोलीबारी की घटनाओं और उन महीनों के दौरान बरगाड़ी में जो भी कुछ घटा, उसे पंजाब कभी नहीं भूल सकता। बादलों की जानकारी के बिना गोलीबारी हो ही नहीं सकती थी।
मुख्यमंत्री ने उस समय को याद करते हुए कहा कि प्रभावित हुए लोगों ने उनको बताया था कि कैसे पुलिस का एस.पी. एकदम आया और गोली चलाने के हुक्म दिए और पुलिस ने भाग रहे लोगों पर गोली चलाई। ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए यह कोई ढंग नहीं है और यदि गोली चलाने की ज़रूरत पैदा हुई थी तो यह एक मैजिस्ट्रेट की हाजिऱी में पुलिस की छोटी टुकड़ी द्वारा ऐसा किया जाना था क्योंकि मैजिस्ट्रेट स्थिति का पता लगाता और गड़बड़ के अंदेशे के संदर्भ में एक व्यक्ति पर एक गोली चलाने के हुक्म देता।
उन्होंने कहा कि बादल और अन्य अकाली नेता यह भली भाँति जानते हैं कि क्या गलत घटा और लोग न तो इसको भूले हैं और न ही उन्होंने इसके लिए अकालियों को माफ किया है। यही कारण है कि वोटों के लिए बैाखलाए हुए अकाली इधर-उधर भाग रहे हैं। यादगार बनाने के लिये स्थानीय निवासियों की एक कमेटी बनायी जायेगा जो यह फ़ैसला लेगी कि वे कैसी यादगार बनाना चाहते हैं ।
शर्मा
वार्ता
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