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हिप्र. में रिकार्ड 72.25 प्रतिशत मतदान, अनेक दिग्गजों का राजनीतिक भाग्य इवीएम में लॉक

हिप्र. में रिकार्ड 72.25 प्रतिशत मतदान, अनेक दिग्गजों का राजनीतिक भाग्य इवीएम में लॉक

शिमला, 20 मई(वार्ता) देश में सातवें और अंतिम चरण के आम चुनावों के तहत हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के 19 मई को हुये चुनाव में राज्य के 72.25 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर एक नया रिकार्ड कायम कर दिया है। इस चुनाव में 18 निर्दलीयों समेत अनेक दिग्गतों की राजनीतिक किस्मत का फैसला होना है। मतगणना 23 मई को होगी।

अभी तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मंडी संसदीय क्षेत्र में 73.39 प्रतिशत, हमीरपुर 72.64 प्रतिशत, कांगड़ा 70.49 प्रतिशत और शिमला में 72.65 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान ये आंकड़े अंतिम नहीं हैं और डाक मतपत्रों की गणना भी जारी है। इससे मतदान का अंतिम आंकड़ा बढ़ सकता है। राज्य में थर्ड जेंडर का मतदान प्रतिशत 31.91 प्रतिशत रहा है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने मतदान में बढ़ चढ़ कर भाग लेने के लिये जनता का आभार जताया है। उन्होंने चुनाव डयूटी में तैनात सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मतदान पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ।

राज्य में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 64.42 प्रतिशत मतदान हुआ था और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने सभी चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें कांगड़ा संसदीय सीट से सर्वश्री शांता कुमार, हमीरपुर से अनुराग ठाकुर, शिमला से वीरेंद्र कश्यप और मंडी से राम स्वरूप शर्मा जीते थे। भाजपा को उस चुनाव में 53.85 प्रतिशत तथा कांग्रेस को 41.87 प्रतिशत मत मिले थे।

राज्य में परम्परागत रूप से इस बार भी मुकाबला मुख्यत: भाजपा और कांग्रेस के बीच है। भाजपा के लिये इस चुनाव में जहां अपना वर्ष 2014 कर प्रदर्शन दोहराने वहीं कांग्रेस के समक्ष भाजपा को रोकने तथा कुछेक सीटें हथिया कर अपनी साख पुन: कायम करने की चुनौती है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा तीन सीटें जीतने में सफल रही थी और कांग्रेस को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा था।

भाजपा ने इस बार मंडी और हमीरपुर से अपने निवर्तमान सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है। मंडी से राम स्वरूप शर्मा और हमीरपुर सीट से तीन बार के सांसद और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड(बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने चुनाव लड़ा है। पार्टी ने कांगड़ा सीट से इस बार श्री शांता कुमार को पुन: टिकट देने के वजाय राज्य के परिहवहन मंत्री किशन कपूर तथा शिमला सीट से निवर्तमान सांसद र्वीरेंद्र कश्यप की जगह विधायक सुरेश कश्यप को टिकट दी है।

वहीं कांग्रेस ने राज्य की सभी चारों लाेकसभा सीटों पर नये चेहरे पर दांव खेला है। मंडी सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पौत्र और राज्य के पूर्व मंत्री अनिल शर्मा के पुत्र आश्रय शर्मा को टिकट दिया है। श्री शर्मा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2014 में पार्टी ने यहां से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को टिकट दिया था लेकिन वह भाजपा उम्मीदवार राम स्वरूप शर्मा से चुनाव हार गईं थीं। उधर, कांगड़ा सीट से पार्टी के विधायक पवन काजल चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से पिछली बार चंद्र कुमार ने चुनाव लड़ा था और पराजित रहे थे। वहीं हमीरपुर लोकसभा सीट से इस बार पांच बार विधायक रहे रामलाल ठाकुर ने चुनाव लड़ा है। हालांकि वह इससे पहले भी तीन बार इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। शिमला संसदीय सीट से पार्टी ने विधायक कर्नल धनीराम शांडिल को टिकट दिया है। पिछले चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के श्री मोहन लाल ने चुनाव लड़ा था और हार गये थे।

बहुजन समाज पार्टी(बसपा) ने भी चारों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा है। इनमें कांगड़ा से डा0 केहर सिंह, मंडी सीट से श्री सेस राम, हमीरपुर से देसराज और शिमला से विक्रम सिंह को टिकट दिया गया है। इनके अलावा ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक द्वारा तीन, राष्ट्रीय आजाद मंच और स्वाभिमान पार्टी दो-दो सीटों तथा मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा), पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया, अम्बेडकर राइट पार्टी ऑफ इंडिया, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी, सत्य बहुमत पार्टी, बहुजन मुक्ति पार्टी, नवभारत एकता दल और हिमाचल जनक्रांति पार्टी भी एक-एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। अब देखना है कि 23 मई को मतगणना के बाद किन उम्मीदवारों की संसद में पहुंचने की राह तय होगी।

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