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मुख्यमंत्री ने की 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फसल विविधीकरण योजना की शुरूआत

चंडीगढ़, 29 मई(वार्ता) भावी पीढ़ी के लिए जल संरक्षण की दिशा मेें एक अहम कदम उठाते हुये हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देश में अपनी तरह की पहली ऐसी ‘फसल विविधीकरण पायलट योजना‘ की शुरूआत की है जिसके तहत राज्य के धान खेती बाहुल्य जिलों के 50000 हैक्टेयर क्षेत्र में मक्का, अरहर और अन्य फसलों का बिजाई होगी।
श्री खट्टर ने इस योजना की शुरूआत आज यहां विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के धान बाहुल्य अम्बाला जिले तथा इसके खंड, यमुनानगर जिले के रादौर खंड, करनाल जिले के असंध खंड, कुरुक्षेत्र के थानेसर खंड, कैथल के पुंडरी खंड, जींद के नरवाना खंड तथा सोनीपत के गन्नौर खंड में की। उन्होंने इस अवसर पर ‘फसल विविधीकरण पायलट योजना’ के ब्राउशर का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 25 किसानों से सीधा संवाद करते हुए उनसे अपील की कि वे धान की बिजाई कम करने का मन बनाएं तथा सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का लाभ उठाएं और इसमें अपना सहयोग दें। किसानों ने मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत किया। किसानों की मक्का की बिजाई के लिए आवश्यक मशीनरी उपलब्ध कराने की मांग पर मुख्यमंत्री ने किसान एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू को निर्देश दिए कि वे कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से ये मशीनें और किसानों को उत्तम गुणवत्ता के बीज भी निशुल्क उपलब्ध कराएं।
श्री खट्टर ने किसानों को आश्वासन दिया कि जिस प्रकार सरकार ने बाजरे और सरसों के एक-एक दाने की खरीद की है उसी प्रकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद एजेंसियों से मक्का की उपज की खरीद कराई जाएगी। उन्होंने किसानों को मक्का की खरीद निकटतम मंडियों और खरीद केंद्रों में कराने की गांरटी भी दी। उन्होंने कहा कि किसानों को ड्रायर मशीनें भी उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि किसान मक्का सुखाकर मंडियों में ला सकें।
मुख्यमंत्री ने चरखी दादरी जिले की ग्राम पंचायत पैंतावास कलां का आभार व्यक्त किया जिसने प्रस्ताव पारित कर अपने गांव में धान की फसल न बोने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि डार्क जोन और दिन-प्रतिदिन गिरता भूजल हमारे लिए एक चुनौती बन रहा है और आने वाली पीढ़ियों के लिये इसी चुनौती का समाधान निकालने की हमने एक शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि जिन पंचायतों ने पंचायती जमीन ठेके पर दी है उनके पट्टेदारों से भी अपील करें कि वे धान के स्थान पर मक्का, अरहर और अन्य फसल की बुआई करें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री डी.एस.ढेसी और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू ने बताया कि गत 27 मई से आरम्भ हुई इस ऑनलाइन योजना के तहत पहले दिन 160 किसानों ने पंजीकरण कराया अब तक इनकी संख्या 5465 हो चुकी है जिसके तहत 2720 हैक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के समय 200 रुपये तथा बाद में 1800 रुपये किसानों को दिए जाएंगे तथा इसके अलावा, फसल बीमा योजना के तहत सरकार की तरफ से प्रीमियम भी वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को यह बात समझनी चाहिए कि एक किलोग्राम चावल उगाने पर 3000 से 5000 लीटर पानी की खपत होती है और विभाग ने पानी बचाने के लिये यह योजना शुरू की है।
रमेश2000वार्ता
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