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बादल और डेरा प्रमुख के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाए:खैहरा

जालंधर, 30 मई (वार्ता) पंजाब एकता पार्टी (पीएपी) के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के साथ मिलकर श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की साजिश रचने के आरोप में शिरोमणि अकाली दल से सुखबीर सिंह बादल के तत्काल इस्तीफे लेने की मांग की है।
श्री खैरा ने मीडियाकर्मियों से गुरुवार को कहा कि 28 मई को विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा फरीदकोट अदालत में पेश की गयी चार्जशीट में यह स्पष्ट हो गया है कि श्री सुखबीर बादल, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी और डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने राजनीतिक लाभ के लिए पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के लिए साजिश रची थी। उन्होंने कहा कि श्री सुखबीर बादल ने डेरा प्रमुख के साथ समझौता किया था ताकि उन्हें अकाल तख्त से माफी दिलाई जा सके और विधानसभा चुनाव में समर्थन के बदले में उनकी फिल्म को पंजाब में रिलीज करने की अनुमति दी जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 24 सितंबर, 2015 को सिख ग्रंथियों को अपने आधिकारिक निवास पर बुलाया और डेरा प्रमुख को क्षमा करने के आदेश दिए, जिन्हें 24 सितंबर 2015 को क्लीन चिट दे दी गयी थी। ये सभी तथ्य और निष्कर्ष जोरा सिंह आयोग के हैं।
उन्होंने कहा कि श्री सुखबीर बादल को बेअदबी के मामलों में डेरा अनुयायियों के शामिल होने की पूरी जानकारी थी। सुखबीर बादल, जो उस समय गृह मंत्री थे, ने सिखों का ध्यान हटाने की कोशिश की और पाकिस्तान के आईएसआई को बेअदबी का दोषी ठहराया। उन्होंने बहबल कलां कांड के लिए पंजग्रायीं गांव के दो सिख युवक रुपिंदर सिंह और जसविंदर सिंह को भी गिरफ्तार कराया। दोनों युवकों को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया गया और उन्हें अपना अपराध स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब और पूरे सिख समुदाय के खिलाफ घोर पाप किया है।
श्री खैहरा ने कहा कि एसआईटी की चार्जशीट में बहवल कलां पुलिस गोलीबारी में प्रकाश सिंह बादल के शामिल होने का भी संकेत दिया गया है जिसमें दो युवक मारे गए थे। उन्होंने कहा कि बादल ने 14 अक्टूबर 2015 को श्री सुमेध सिंह सैनी से बात की थी और वह डीजीपी के साथ संचार की प्रकृति के बारे में बताने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि सुबह छह बजे पुलिस गोलीबारी हुई। उन्होंने कहा कि बादल ने विधायक मंतर सिंह बरार के मोबाइल फोन से फरीदकोट के उपायुक्त को भी बुलाया और कहा कि वह पुलिस महानिदेशक से निर्देश लें।
श्री खैहरा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की कि वह सुखबीर सिंह बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और डेरा प्रमुख के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करें और गुरु ग्रंथ साहिब के बलिदान में उनकी भागीदारी की जांच करें। उन्होंने कहा कि श्री बादल को राजनीति में रहने और सिखों के प्रतिनिधि होने का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है।
ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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