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मध्यस्थता से विवादों के निपटारे पर बल

मध्यस्थता से विवादों के निपटारे पर बल

कुल्लू, 02 जून (वार्ता)उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने कहा है कि मध्यस्थता एवं सुलह से विवादों के समाधान की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि इससे जहां न्यायालयों में मामलों का दबाव कम होता है, वहीं दोनों पक्षों में सौहार्द और प्रेम भाव कायम रहता है।

न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ आज यहां विभिन्न विषयों पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे । सम्मेलन में प्रदेश के सात जिलों के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों और मध्यस्थता के लिए प्रशिक्षित अधिवक्ताओं ने भाग लिया।

उन्होंने कहा कि मध्यस्थता से प्रायः सिविल मामलों का ही निपटारा करने की धारणा है, लेकिन इसके कार्यक्षेत्र को और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए। इस व्यवस्था से न्यायालयों में मामलों का दबाव कम होगा और लोगों को सुलभ व सस्ता न्याय घर द्वार के समीप प्राप्त होगा। मध्यस्थता व लोक अदालतों के माध्यम से निपटारे त्वरित व सस्ते होते हैं जिससे दोनों पक्षों को राहत मिलती है और जीत व हार जैसा किसी प्रकार का वैमनस्य नहीं रह जाता।

उन्होंने कहा कि कार्यकारी दंडाधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए ताकि मध्यस्थता से विवादों के निपटान के दायरे में और अधिक वृद्धि हो।

इस अवसर पर प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति धर्म चंद चैाधरी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि कार्यवाही के दौरान विवाद का प्रचार नहीं होता और गोपनीयता सुनिश्चित होती है।

इस प्रकार का दूसरा सम्मेलन राज्य के शेष पांच जिलों के लिए निकट भविष्य में शिमला में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने अधीनस्थ न्यायालयों को कहा कि वैकल्पिक माध्यमों से झगड़ों के समाधान को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा न्यायपालिका का अंतिम लक्ष्य लोगों को न्याय प्रदान करना है।

सं शर्मा

वार्ता

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