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नशा तस्करों के मिले हुये पुलिसकर्मियों की शिनाख्त कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश

चंडीगढ़ ,07 जून (वार्ता)पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसटीएफ नशा )को नशे की तस्करी में संलिप्त पुलिस कर्मियों की शिनाख्त कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं ।
नशे की समस्या से निपटने के लिये गठित विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुये कैप्टन सिंंह ने पुलिस प्रमुख से कहा कि अवैध धंधों में संलिप्त पुलिसकर्मियों के साथ कड़ाई से निपटा जाये । उन्होंने एडीजीपी को सभी सरहदी जिलों में एसटीएफ की दो टीमें गठित करके संबद्ध पुलिसकर्मियों के साथ तालमेल बनाकर काम करने और नशे के धंधे में लगे मानवता के दुश्मनों पर पैनी निगाह रखने को कहा है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सरहदी जिलों में तैनात पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
उन्होंने निचले स्तर तक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि दोषी पुलिस कर्मचारियों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जायेगा।
जगदीश भोला के मामले में शामिल उसके साथियों के प्रत्यर्पण में तेज़ी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से दोषियों को जल्द भारत लाने के लिए यह मामला विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाने के लिए कहा है।
कैप्टन सिंह ने अदालतों में मामलों को प्रभावी ढंग से पेश करने के लिए पुलिस कर्मचारियों को समर्थ बनाने के लिए उनको व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के लिए पूर्व जजों, वकीलों, कानून विशेषज्ञों और कानूनविद का एक पैनल बनाने के लिए राज्य के एडवोकेट जनरल को कहा है। उन्होंने कहा कि नशों के तस्करों या इस गोरखधंधे में लिप्त व्यापारियों के मामलों के बारे में पुलिस कर्मचारियों को कानूनी ज्ञान के साथ लैस किया जाये ताकि वे केस प्रभावी ढंग से पेश कर सकें। उन्होंने कहा कि गठित किया जाने वाला कानून विशेषज्ञों का पैनल पुलिस कर्मचारियों को तकनीकी कानूनी कमियों बारे जानकारी दे ।
मुख्यमंत्री ने नशों दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए बड्डी और डैपो प्रोग्रामों की सफलता की प्रशंसा की और उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य)को कहा कि वह एम्ज़, नई दिल्ली द्वारा किये अध्ययन का मूल्यांकन करें जिससे इन क्लीनिकों को और मज़बूत बनाया जा सके। यह अध्ययन ओ.ओ.ए.टी क्लिनिकों में नशामुक्ति अमलों से सम्बन्धित है।
उन्होंने निजी नशामुक्ति केन्द्रों के कामकाज पर नियमित तौर पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कहा है। यह केंद्र निम्न स्तर की सेवाएं देते हैं और नशों के इलाज के लिए बहुत ऊँची दरें वसूलते हैं। मुख्यमंत्री ने नशों में फंसे व्यक्तियों और उनके परिवारों से अपील की है कि वे सरकार द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास केन्द्रों में बढिय़ा इलाज प्राप्त करने के लिए आगे आएं और निजी सैक्टर के जाल में न फसें।
शर्मा
वार्ता
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