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‘सक्षम हरियाणा‘ के सकारात्मक परिणाम नज़र आने लगे है: डा0 गुप्ता

चंडीगढ़, 14 जून(वार्ता) हरियाणा में गत लगभग पांच वर्षों के दौरान शिक्षा गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से शुरू किये गये कार्यक्रम ‘सक्षम हरियाणा’ के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं और प्रदेश में अब न केवल 86 प्रतिशत विद्यार्थी सक्षम या ग्रेड लेवल सक्षम हो गए हैं बल्कि 13 और खंडों को भी सक्षम घोषित किया गया है। इस तरह गत लगभग 18 माह चले आठ दौर के आंकलन के बाद प्रदेश के कुल 107 खंड और 14 जिले शत-प्रतिशत सक्षम हो गए हैं।
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कार्यक्रम के परियोजना निदेशक डॉ० राकेश गुप्ता ने इस सम्बंध में बताया कि अध्ययन अभिवृद्धि कार्यक्रम के माध्यम से रेमेडियल शिक्षा, प्रदेश में शैक्षणिक समीक्षा तथा निगरानी तंत्र के मजबूतीकरण और शिक्षा विभाग की प्रौद्योगिकी प्रणालियों (प्रबंधन सूचना प्रणाली शैक्षणिक निगरानी प्रणाली) में सुधार पर ध्यान केन्द्रित करना शामिल है। केंद्रीकृत परीक्षाएं आयोजित कर डाटा संग्रहण और डाटा विश्लेषण में सुधार लाकर तथा नकल में कमी कर आंकलन सुधार किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इन पहलों के माध्यम से राज्य का लक्ष्य ‘सक्षम’ बनना अर्थात प्रदेश में 80 प्रतिशत विद्यार्थियों के लिए ग्रेड लेवल दक्षता हासिल करना है। ग्रेड लेवल दक्षता से अभिप्राय है कि किसी विशेष ग्रेड का विद्यार्थी उस ग्रेड के लिए परिभाषित सभी दक्षताओं या कौशलों से परिचित हो। किसी भी खंड को सक्षम होने के लिए इसके 80 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों को ग्रेड लेवल सक्षम होना चाहिए। जिले को सक्षम होने के लिए इसके सभी खंडों का ‘सक्षम’ होना आवश्यक है। हरियाणा को सक्षम होने के लिए इसके सभी जिलों को सक्षम होने की आवश्कता है। उन्होंने बताया कि ग्रेड लेवल सक्षम होने के लिये थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाता है। यह मूल्यांकन ग्रे मेटर्स इंडिया करती है।

डा0 गुप्ता के अनुसार दिसम्बर, 2017 से मई, 2019 के बीच मूल्यांकन के आठ दौर संचालित किए गए हैं तथा इसके साथ ही प्रदेश के 86 प्रतिशत विद्यार्थी हिंदी और गणित में ग्रेड लेवल सक्षम हो गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के जो 14 जिले पूर्ण रूप से सक्षम हुए हैं वे झज्जर, चरखीदादरी, कैथल, भिवानी, पंचकूला, महेन्द्रगढ़, करनाल, सोनीपत, पानीपत, गुरुग्राम, सिरसा, रेवाड़ी, हिसार और जींद हैं। आज सक्षम घोषित किए गए 13 नए खंडों में अग्रोहा, बाबैन, बरवाला, बहल, जगाधरी, कलानौर, मुस्तफाबाद, पिंजौर, रायपुररानी, रतिया, सीवान और सिवानी हैं। इसी प्रकार जो आठ खंड सक्षम बनने वाले हैं उनमें बराड़ा, बल्लभगढ़, फिरोजपुर झिरका, लाडवा, नगीना, पुन्हाना, रोहतक और टोहाना हैं। इसके अलावा, चार गैर सक्षम खंडों में अम्बाला-1(शहर), अम्बाला-2(छावनी), छछरौली और हथीन हैं।
डॉ० गुप्ता ने बताया कि अब सरकार का लक्ष्य सभी खंडों में सभी कक्षाओं (तीन से आठ तक) को सक्षम बनाना, सभी खंडों के समक्ष दर्जें को कायम रखना और माध्यमिक कक्षाओं में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन का अगला चरण अगस्त में किया जाएगा।
रमेश1853वार्ता
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