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प्रेरणास्रोत बना काऊनी गांव का किसान रविंदर, कर रहा है धान की सीधी बिजाई

मुक्तसर 21 जून (वार्ता) पंजाब के मुक्तसर जिले के काऊनी गांव का किसान रविंदर सिंह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। वह वर्ष 2009 से धान की सीधी बिजाई कर रहा है। इस तकनीक से जहां 40 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है वहीं प्रति एकड़ लगभग पांच हजार रूपये तक अधिक मुनाफा होता है।
रविंदर सिंह का कहना है कि उसने 2009 में घान की फसल के लिये यह तकनीक अपनाई और जब सफल रही तो उसने मुड़ कर नहीं देखा। वह लगभग 60 एकड़ क्षेत्र में धान और बासमती की सीधी बिजाई करता है। उसने बिजाई के लिये मशीन में भी संशोधन कर उसके आगे एक रोलर लगाया है जिससे बीज की गहराई एकसार रहती है। उसका कहना है कि इस तकनीक से बीजी गई फसल के लिये पानी कम जरूरत होती है। लगभग 40 प्रतिशत तक पानी बचाया जा सकता है। वहीं डीजल और बिजली की बचत भी होती है। कुल मिलाकर प्रति एकड़ लगभग पांच रुपए तक का अतिरिक्त लाभ किसान को हो सकता है। इस तकनीक से बीजे धान का भी आम तरीके से लगाए धान जितना झाड़ प्राप्त होता है।
रविंदर को उसके इन प्रयासों के लिये अनेक पुरस्कार भी मिल चुके हैं। इस तकनीक से बिजाई से पूर्व अगर खेत गेहूं की फसल बीजी गई थी तो उसकी नाड़ जलाने की कोई आवश्यकता नहीं है बल्कि गेहूं का नाड खेत में मिल जाने कारण जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। वह अन्य किसानों को भी इस तकनीक के बारे में जागरुक कर रहा है। उसने बताया कि कम पानी की जरूरत होने पर यह फसल दरमियानी जमीनों में भी की जा सकती है। इसके लिये प्रति एकड़ आठ से दस किलो बीज की आवश्यकता है।

कृषि विज्ञान केंद्र मुक्तसर के निर्देशक डॉ. एन.एस. धालीवाल ने कहा कि केंद्र किसानों को इस तकनीक को अपनाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहा है जिससे न केवल पानी की बचत होती बल्कि मुनाफा भी अधिक होता है।
सं.रमेश1957वार्ता
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