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अति पिछड़ा वर्ग ने मांगे 29 टिकट, उपमुख्यमंत्री पद

हिसार, 30 जून (वार्ता) हरियाणा में अति पिछड़ा वर्ग ने आबादी (33 फीसदी) के अनुपात में उप मुख्यमंत्री समेत पांच मंत्री पद और 29 विधानसभा हल्कों में टिकटाें की मांग आज राजनीतिक वर्ग से की और कहा कि जो पार्टी उनकी बात मानेगी उसीका
समर्थन किया जायेगा।
यहां प्रेम नगर धर्मशाला में अति पिछड़ा वर्ग अधिकार मंच, हरियाणा के सम्मेलन में यह मांग की गई। इस दौरान 28 जुलाई को हिसार में ही एक प्रदेश स्तरीय रैली की घोषणा भी की गई।
सम्मेलन में वक्ताओं राजेंद्र तवर, जगदीश मढोलीवाला और लखमी चंद आदि ने इसके अलावा प्रशासन के हर स्तर पर और राजनीतिक नियुक्तियों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व की भी मांग की। उन्होंने प्रथम व द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों व स्थानीय निकाय में 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग भी की।
सम्मेलन में कहा गया कि अति पिछड़ा वर्ग की 95 प्रतिशत आबादी मेहनत मजदूरी व राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगी है इन मजदूरों के लिए आकस्मिक मृत्यु पर पचास लाख का बीमा सरकारी खर्च पर उपलब्ध करवाया जाए व मृतक के आश्रित को स्थाई सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाई जाए। वक्ताओं ने कहा कि हरियाणा में क्रीमी लेयर को राज्य सरकार ने नए तरीके से परिभाषित किया है। केंद्र में यह लिमिट 8 लाख रुपए है जबकि हरियाणा में पिछड़ा वर्ग के लिए यह लिमिट छह लाख कर दी गई है जिसमें वेतन व अन्य सभी प्रकार की आय शामिल होंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार एक किसान व्यापारी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बच्चे को भी क्रीमी लेयर लगा कर कर आरक्षण से वंचित किया जा रहा है और दूसरी तरफ प्रोफेशनल कोर्सेज की फीस में बेतहाशा वृद्धि की जा रही है जिससे गरीब व पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है।
सं महेश
वार्ता
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