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गौशाला नहीं बूचड़खाना, हड्डारोड़ी ठेका तीन गुना अधिक रेट पर उठना अनियमितता का प्रमाण: शर्मा

गौशाला नहीं बूचड़खाना, हड्डारोड़ी ठेका तीन गुना अधिक रेट पर उठना अनियमितता का प्रमाण: शर्मा

मुक्तसर साहिब, 01 जुलाई (वार्ता) पंजाब के मुक्तसर जिले के रत्ता टिब्बा स्थित सरकारी गौशाला इस कदर बदतर स्थिति और अनियमितताओं का शिकार है कि यहां रखे गये पशु देखभाल, चारे की कमी और समुचित उपचार के कारण इस तेजी से दम तोड़ रहे हैं कि इनकी संख्या अब 700 रह गई है जो कभी 1500 के करीब हुआ करती थी।

स्थानीय ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष दीपक शर्मा के नेतृत्व में सभा के लोगों ने जब इस गौशाला का दौरा किया तो पाया कि सुविधाओं के अभाव में यह किसी बूचड़खाने से कम नहीं है। श्री शर्मा ने कहा कि यह गौशाला नहीं बल्कि बूचड़खाना जैसी लगती है जहां देखभाल, हरा चारा और और दवाओं की कमी के कारण 10 से 15 लावारिस पशु हर रोज मौत के मुंह में जा रहे हैं। पशुओं को यहां पर हरा चारा लोगों की रहमत पर ही मिलता है वर्ना पशु तूड़ी पर ही निर्भर है। प्रशासन की ओर से भी इन पशुओं के लिये हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं हैं।

श्री शर्मा के अनुसार गौशाला में पशुओं की चारा और पानी की खुर्लियों पर कोई छत्त नहीं है। पशु धूप में ही चारा खाने तथा खुुर्लियों का उबलने जैसा गर्म पानी पीने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं पर गौ उपकर तो ले रही है लेकिन गौशाला और विशेषकर यहां रखे गये लावारिस गौवंश को इसका कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना था कि सरकार की तरफ से अगर गौशालाओं को कोई अनुदान आता भी है तो यह पता नहीं कहां खर्च हो रहा है।

इस मौके पर पंजाब राईस मिल एसो. के वरिष्ठ उप प्रधान और समाज सेवी भारत भूषण बिंटा ने बताया कि इस गौशाला में 1500 के करीब पशु थे। लेकिन अधिकतर पशु मर जाने के कारण अब यहां मात्र 700 के करीब पशु ही बचे हैं। सरकार ने गौशाला को आमदनी का जरिया बना रखा है। गौशाला के पास की हड्डारोड़ी जो ठेका पहले डेढ़ लाख से ज्यादा नहीं होता था वह इस वर्ष 5.5 लाख रूपये से ज्यादा का उठा है जो गौशाला में हो रही अनियमितताओं को दर्शाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि अगर यहीं हाल रहा तो गौशाला अपने आप बंद हो जाएगी। प्रशासन ने यह वायदा किया था कि जिले में से लावारिस पशु एकत्रित करके इस गौशाला में संभाल की जाएगी।

ब्राह्मण सभा ने प्रशासन से गौशाला की ओर विशेष ध्यान देने, हरे चारे और साफ सफाई की व्यवस्था करने, पौधा रोपण करने का अनुरोध किया है। गौशाला के दौरे के दौरान यह बात भी सामने आई है कि गौशाला में काम करने वाले कर्मचारियों को गत चार माह से प्रशासन से वेतन तक नहीं मिला है।

सं.रमेश1555वार्ता

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