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जलियांवाला बाग का शहीदी कुआं हुआ गायब

अमृतसर, 01 जुलाई (वार्ता) अमृतसर के जलियांवाला बाग में अंग्रेज जनरल ओ डायर द्वारा किए गये कत्लेआम के 100 वर्ष पश्चात हत्याकांड का चश्मदीद कुआं अब किसी को दिखाई नहीं दे रहा है।
कत्लेआम के शताब्दी समारोह के उपलक्ष्य में केन्द्र सरकार द्वारा बाग के किए जा रहे कायाकल्प के चलते जलियांवाला बाग कमेटी जलियांवाला बाग के शहीदी कुएं को पूरी तरह गिरा चुकी है। इसके अतिरिक्त बाग की बाहरी दीवार को भी गिरा कर इसका पुनर्निमाण किया जा रहा है। जीर्णोद्वार कार्य के चलते जलियांवाला बाग अपनी ऐतिहासिकता खो रहा है।
पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो लक्ष्मीकांता चावला ने सोमवार को पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर को पत्र लिख कर कहा कि अमृतसर के जलियांवाला बाग का जो विरासती रूप बिगाड़ा जा रहा है, वे आपके ध्यान में ला रही हूं। उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा की पूर्व सरकार ने जलियांवाला बाग के आसपास का वह रूप खत्म कर दिया था जहां से डायर और अंग्रेज हुकूमत जलियांवाला बाग में कत्लेआम करने के लिए आए थे और अब जलियांवाला बाग कमेटी जलियांवाला बाग के शहीदी कुएं को पूरी तरह गिरा चुकी है। शहीदी कुआं सौ वर्ष बाद किसी को दिखाई नहीं दे रहा।
प्रो चावला ने कहा कि अब जलियांवाला बाग में श्रद्धांजलि देने के लिए जाने वालों को टिकट लेना पड़ेगा। प्रश्न पांच-दस रुपये के टिकट का नहीं, प्रश्न यह है कि क्या अब लोगों को अपने शहीदों को प्रणाम करने के लिए भी सरकार से टिकट लेना पड़ेगा। जलियांवाला बाग कोई लाहौर का शालीमार बाग या श्रीनगर का निशात बाग नहीं जहां टिकट देकर जाना पड़े। उन्होंने राज्यपाल से अपील की है कि जलियांवाला बाग के कुएं को फिर उसी रूप में तैयार किया जाए जो इसका असली रूप था।
सं.ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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