राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Jul 9 2019 8:46PM हरियाणा में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये बनेगा चंडीगढ़ की तर्ज पर कानून
चंडीगढ़, 09 जुलाई(वार्ता) हरियाणा सरकार शराब पीकर गाड़ी चलाने से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए शीघ्र ही चंडीगढ़ की तर्ज पर एक कानून बनाएगी जिसके तहत सम्बंधित व्यक्ति का वाहन जब्त किया जा सकेगा।
हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार आज यहां राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद एक पत्रकार सम्मलेन को सम्बोधित करते हुये यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सरकार ओवरलोडिंग की समस्या के समाधान के लिए एक दीर्घावधि कार्ययोजना भी लेकर आएगी। सरकार टोल प्लाजा पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी ओवरलोडिंग के मामलों पर नजर रखेगी और वहीं चालान किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि हरियाणा में प्रतिवर्ष लगभग 11 हजार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि गत 10 वर्षों की तुलना में प्रदेश में पहली बार गत छह माह में सड़क दुर्घटनाओं में सात प्रतिशत की कमी आई है और इनमें होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई है। हरियाणा ऐसा पहला राज्य है जिसने सड़क दुर्घटना कम करने के उद्देश्य से विजन जीरो लागू किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा किए गए सड़क सुरक्षा सम्बंधी उपायों के बारे में समयबद्ध रिपोर्ट मांगी गई है। प्रदेश में लगभग 1650 ब्लैक स्पॉट चिह्निïत किए गए थे जिनमें से 1500 से अधिक को दुरूस्त कर दिया गया है। राष्टï्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के 48 प्रतिशत, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के 24 प्रतिशत, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के 22 प्रतिशत तथा हरियाणा राज्य विपणन बोर्ड के 24 प्रतिशत ब्लैक स्पॉट से सम्बंधित मामले लम्बित हैं।
श्री पंवार ने कहा कि हरियाणा उन राज्यों में से एक है जहां सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कानून बनाया गया है जिसके अंतर्गत चालान से मिलने वाली धन राशि का 50 प्रतिशत पैसा सड़क सुरक्षा कार्यों पर खर्च किया जाता है। हरियाणा का अनुसरण करते हुए राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने भी इस दिशा में पहल की है।
राज्य परिवहन के बस बेड़े को लेकर सवाल पर उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 में जब राज्य में भाजपा सरकार बनी तो विभाग के पास 4100 बसें थीं जो अब लगभग 3600 रह गई हैं। प्रदेश में इस समय प्रतिदिन लगभग 33 लाख लोगों को परिवहन सुविधाओं की जरूरत है जबकि लगभग साढ़े 12 लाख लोगों को ही परिवहन सुविधाएं मिल पा रही हैं। राज्य सरकार ने बेड़े में 600 बसें शामिल की हैं। राज्य सरकार ने लोगों के हित में प्रति किलोमीटर स्कीम शुरू करने का निर्णय लिया गया था लेकिन दरों में अंतर आने के कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। उन्होंने बताया कि सरकार ने अब 190 बसों के टेंडर निकाले हैं जिनके लिए 21 से 22 रुपये का रेट मिला है। इसके अलावा 367 बसों की मांग हाई परचेज कमेटी को भेजी गई है।