सिरसा, 13 जुलाई(वार्ता) हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) राज्य में लगभग तीन माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में भी लोकसभा की तर्ज पर विपक्ष का सूपड़ा साफ करने के लिये जोरशोर से मैदान में कूद पड़ी है।
हाल के लोकसभा चुनावों में प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों पर भारी भरकम जीत से गदगद भाजपा विधानसभा चुनावों को लेकर भी काफी उत्साहित है। पार्टी ने विधानसभा चुनावों की तैयारियों के तहत राज्य से जुड़े केंद्रीय मंत्री, सांसद, प्रदेश सरकार के मंत्री, विधायक, संगठनों के अध्यक्ष और महामंत्रियों को 290 मंडल स्तर तक प्रभारी बनाया है और ये प्रभारी आगे बूथ और पन्ना प्रमुख स्तर तक पार्टी को मजबूत करने में जुट गये हैं।
पार्टी ने प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों, राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों को विधानसभा की 90 सीटों के लिये अलग अलग प्रभारी बनाया है। ये सभी प्रभारी अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर शहरों और गांवों में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करने में जुट गये हैं। पार्टी के नये सदस्यता अभियान के तहत राज्य में अधिकाधिक लोगों को पार्टी के साथ जोड़ने का कार्यक्रम जोरों पर चल रहा है। वहीं दूसरे दलों से नेताओं और कार्यकर्ताओं को तोड़कर पार्टी में शामिल करने की गत कई महीनों से शुरू हुई कवायद ने अब जोर पकड़ लिया है।
मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, सांसदों समेत पार्टी संगठन से जुड़े सभी नेता केंद्र और राज्य सरकार के गत लगभग पांच साल के कार्यकाल के दौरान हुए विकास कायों, सरकारी नौकरियों में पारदर्शी भर्ती, भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन हेतु उठाए गये कदमों, तबादलाें समेत ऑनलाईन की गई सेवाओं को अपने प्रचार में प्रमुखता देते हुये लोगों से पार्टी से जुड़ने की अपील कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज सिरसा जिले के ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, सिरसा में सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर और डबवाली में उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बैठकें लीं। इस दौरान अन्यों दलों को छोड़ कर आए लोगों ने भाजपा का दामन थामा।
उधर, केंद्र में अप्रत्याशित बहुमत के साथ काबिज हाेने तथा प्रदेश की सभी दस लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने से भाजपा के राज्य में फिर से सत्तासीन होने की सम्भावनाएं देखी जा रही हैं। ऐसे में हर विधानसभा क्षेत्र में अनेक छोटे-बड़े नेता टिकट की दावेदारी करने लगे हैं। ऐसे दावेदारों ने यहां तक कि अपने अपने क्षेत्रों में प्रचार के लिए होर्डिंग, बैनर, पोस्टर लगाने के अलावा जनसम्पर्क अभियान भी छेड़ दिया है। पार्टी के लिये ऐसी स्थिति में टिकटों पर फैसला लेना टेढ़ी साबित होने वाला है। पार्टी सूत्रों के अनुसार दूसरे दलों से आए बड़े नेताओं को समायोजित करने तथा पार्टी काे पुन: सत्ता में लेने के लिये कई वर्तमान मंत्रियों और विधायकों की टिकट कट सकती है।
इस संदर्भ में जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि प्रभारियों की नियुक्तियों की पुष्टि करते हुये बताया कि पार्टी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि टिकटों के वितरण में चुनाव जीतने की क्षमताओं पर ही मुख्य रूप से गौर किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनावों की तरह आगामी विधानसभा चुनावों में भी जनता के आशीर्वाद से भाजपा बड़ी जीत दर्ज करेगी और विपक्ष की ओर से उसे फिलहाल कोई चुनौती नहीं दिखाई दे रही है।
वहीं, दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अशोक तंवर से प्रदेश में भाजपा की विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हर पार्टी की अपनी रणनीति है। कांग्रेस भी हफ्तेभर में अपनी तैयारियां शुरू कर देगी और मजबूती से चुनाव लड़ेगी।