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इनेलो ने की प्रशासनिक न्यायधिकरण के गठन की निंदा

चंडीगढ़, 30 जुलाई(वार्ता) हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कर्मचारियों की आपत्तियों पर गौर किए बगैर उनके लिए प्रशासनिक न्याधिकरण का गठन करने के राज्य सरकार के र्निणय की निंदा की है।
श्री चौटाला ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि सरकार के इस निर्णय के विरोध में पंजाब-हरियाणा के उच्च न्यायालय के वकील भी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। वकीलों का कहना है इस न्यायधिकरण के कारण कर्मचारियों को न्याय प्राप्त करने में कठिनाई आ रही है। उन्होंने कहा कि यह विचित्र बात है कि एक ऐसे समय जब हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा और मध्यप्रदेश में प्रशासनिक न्यायधिकरणों की व्यवस्था विफल हो जाने के बाद वहां की सरकारों ने इन्हें भंग करने का निर्णय लिया है वहीं हरियाणा सरकार इसके विपरीत जाकर न्याधिकरण का गठन कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि न्याधिकरण के गठन से कर्मचारियों को न्याय प्राप्त करने के लिए एक और बाधा को पार करना पड़ेगा। न्यायधिकरण का निर्णय आने के बाद ही कर्मचारी इसके विरोध में उच्च न्यायालय में अपील करेंगे और उसके पश्चात वे उच्चतम न्यायालय में जा सकेंगे। इस प्रकार कर्मचारियों का उच्च न्यायालय में सीधे जाने का मार्ग राज्य सरकार ने अब बंद कर दिया है।
इनेलो नेता ने कहा कि सरकार का यह कथन गुमराह करने वाला है कि कर्मचारियों के लगभग एक लाख से अधिक मामले उच्च न्यायालय में लम्बित हैं तथा न्यायधिकरण के गठन से कर्मचारियों को जल्द न्याय सुनिश्चित होगा। लेकिन अन्य राज्यों में इस प्रयोग की असफलता के बाद भी हरियाणा सरकार द्वारा इसे लागू करना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि न्यायधिकरण के गठन के बाद उच्च न्यायालय में लम्बित एक लाख से अधिक मामले अब इसे भेज दिए जाएंगे और वह उनकी सुनवाई नए सिरे से करेगा। इस प्रकार वे मामले जो न्याय प्राप्त करने के आखिरी चरण में पहुंच चुके थे उनकी भी सुनवाई नए सिरे से होगी। उन्होंने राज्य सरकार से प्रशासनिक न्यायधिकरण गठन करने का अपना निर्णय वापिस लेने की मांग की।
रमेश1700वार्ता
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