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मां का दूध नवजात को बचाता है निमोनिया और डायरिया के खतरे से

मां का दूध नवजात को बचाता है निमोनिया और डायरिया के खतरे से

चंडीगढ़, 01 अगस्त(वार्ता) माँ के दूध के गुण तथा महत्ता के प्रति माताओं तथा गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने के लिये आज से सात अगस्त तक जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है ।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आज राज्य स्तरीय समारोह में बताया कि मौजूदा समय में महिलाओं को माँ के दूध के प्रति जागरूक करने की ज़रूरत है ताकि जानलेवा बीमारियों से बच्चों को बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण के अनुसार (2015-16) नवजात बच्चों को दूध पिलाने के मामले में दस सालों में पंजाब में केवल 18 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया था जो निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले काफ़ी कम है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने 27 जुलाई, 2017 को ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ की शुरुआत की जिसके द्वारा स्टाफ नर्सों की तरफ से माताओं को दूध की महत्ता और अन्य जानकारी मुहैया करवाई जाती है। इस ‘केयर कम्पेनियन प्रोग्राम’ के लागू होने से माँ-बच्चे के स्वास्थ्य सम्बन्धी दी जाने वाली जानकारी में 130 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि माँ के दूध सम्बन्धी और जागरूकता पैदा करने के लिए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में हिदायतें जारी की गई हैं कि महिला की डिलीवरी ऑपरेशन से हुई हो तो भी नवजात बच्चे को एक घंटे के दौरान माँ का दूध पिलाया जाना सुनिश्चित किया जाये ।

उन्होंने बताया कि जन्म के एक घंटे के दौरान माँ का दूध पीने से बच्चे में निमोनिया होने का ख़तरा 23 प्रतिशत कम हो जाता है जबकि माँ का दूध न पिलाने के मामले में डायरिया होने का ख़तरा 3 गुणा बढ़ जाता है। माँ के दूध का सेवन न करने से 6 महीने तक बच्चे की जान को ख़तरा बना रहता है।

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