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बरगाड़ी कांड : केस वापस लेने के फ़ैसले के बाद सीबीआई को रिपोर्ट दायर करने का अधिकार नहीं

चंडीगढ़, 01 अगस्त(वार्ता)पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नन्दा ने बरगाड़ी बेअदबी मामले में सी.बी.आई. की क्लोजऱ रिपोर्ट को कानूनी नज़रिए से गलत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से पिछले वर्ष सीबीआई से केस वापस लेने के बाद इन मामलों में केंद्रीय जांच एजेंसी का अधिकार क्षेत्र नहीं बनता।
श्री नन्दा ने आज यहां कहा कि गत सितम्बर में राज्य सरकार ने बरगाड़ी गोलीकांड की जांच मामला इस एजेंसी से वापस लेने के लिए औपचारिक अधिसूचना जारी की थी जिसके बाद यह एजेंसी इन मामलों में किसी तरह की पड़ताल का अधिकार क्षेत्र गंवा चुकी है। क्लोजऱ रिपोर्ट दायर करने की बजाय सी.बी.आई. को अदालत को यह बताना चाहिये था कि पड़ताल का काम उससे वापस ले लिया गया है ।
एडवोकेट जनरल ने बताया कि सी.बी.आई. द्वारा क्लोजऱ रिपोर्ट दायर करने का अचानक लिया फ़ैसला साजिश का हिस्सा है और इसके स्पष्ट संकेत इन मामलों में दोषी व्यक्तियों को क्लीन चिट देने के लिए एजेंसी द्वारा दिखाई गई जल्दबाज़ी से मिलते हैं।
श्री नन्दा ने सी.बी.आई. के उस रूख पर भी हैरानी ज़ाहिर की जिसमें केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि इन घटनाओं के बारे में पंजाब सरकार अनजान है जिस कारण उसका क्लोजऱ रिपोर्ट की कॉपी लेने का कोई हक नहीं बनता। सी.बी.आई. द्वारा लिए गए इस स्टैंड को बेतुका बताते हुए श्री नन्दा ने कहा कि एजेंसी ने अपनी क्लोजऱ रिपोर्ट में ही पंजाब पुलिस की रिपोर्टों और तथ्यों का हवाला दिया हुआ है।
इस मामले में कानूनी स्थिति का खुलासा करते हुए एडवोकेट जनरल ने बताया कि स्पैशल पुलिस एस्टेबलिशमेंट एक्ट (जिसके अधीन सी.बी.आई. कार्य करती है) की धारा 6 के अंतर्गत किसी भी राज्य में अापराधिक घटनाएँ घटती हैं तो उसकी पड़ताल के लिए आई.पी.सी. के अधीन सम्बन्धित राज्य सरकार की सहमति अपेक्षित है। 6 सितम्बर, 2018 को राज्य सरकार ने सी.बी.आई से यह केस वापस लेने के लिए औपचारिक नोटिफिकेशन पास कर दिया। इस कार्यवाही को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 25 जनवरी, 2019 को अपने निर्णय में कायम रखा जो कुछ दोषी पुलिस अफसरों द्वारा दर्ज किया गया था। कुछ दोषियों से पूछताछ के बावजूद एस.आई.टी. ने अन्य दोषियों की भूमिका का पर्दाफाश किया।
शर्मा
वार्ता
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