चंडीगढ़,02 अगस्त (वार्ता) पंजाब में प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि अमरिन्दर सरकार लोगों के ज्वलंत मुद्दों का हल तो दूर सुनने के लिए भी तैयार नहीं। हर मोर्चे पर विफल रही यह सरकार लोकहित के मुद्दों से भाग रही है। इसीलिये विधानसभा सत्र की अवधि दो दिन रखी है ताकि अहम मुद्दों पर चर्चा ही न हो ।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता श्री चीमा ने आज विधानसभा परिसर में पत्रकारों से कहा कि राज्य से सम्बन्धित मुद्दों की संख्या इतनी ज़्यादा है जिस पर बहस के लिये बीस दिन की अवधि भी कम है। उन्होंने कहा कि हमने विस अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह से मिल कर दर्जन से अधिक मुद्दों के लिए सत्र की अवधि बीस दिन रखे जाने की मांग की थी और यही मांग बीएसी (बिजनैस एडवाईजरी समिति) में उठाई है।
श्री चीमा ने कहा कि जल संकट, दरियाई पानी, भूजल, जल प्रदूषण, खेती संकट, किसानी कर्ज, किसानों और खेत मजदूरों की आत्म हत्याएं, बेरोजगारी, नशा, एड्स/एच.आई.वी, लैंड माफिया -सैंड माफिया, कर्मचारी मांगें, बदहाल कानून व्यवस्था, पुलिस और प्रशासन का राजनीतिकरण , जेलों में सक्रिय गैंग, आवारा पशु, आवारा कुत्ते, दलितों के पांच मरलेे के प्लाट, मनरेगा योजना, एससी स्कालरशिप, शामलाट जमीनों में हिस्सेदारी, महंगी बिजली और सडक़ दुर्घटनायें आदि प्रमुख मुद्दे शामिल हैं।
उन्होंने दो साल के बच्चे फतहवीर सिंह और कार सेवा वाले संत बाबा लाभ सिंह को सदन में श्रद्धांजलि देने का स्वागत किया, वहीं बेरोजगारी के कारण आत्महत्या करने वाले जगसीर सिंह को श्रद्धांजलि न देकर बेरोजगारों, दलितों और अपाहिजों का अपमान किया है।