राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Aug 6 2019 8:54PM एसवाईएल नहर मुद्दे के हल के लिये तीन सदस्यीय कमेटी गठित: खट्टर
चंडीगढ़, 06 अगस्त(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर को राज्य की जीवन रेखा बताते हुये कहा है कि इस माध्यम से राज्य को उसके हिस्से का पानी मिले इसके लिये सरकार सतत प्रयासरत है तथा इस सम्बंध में उसने सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है।
श्री खट्टर ने राज्य विधानसभा के मॉनसून सत्र के आज अंतिम दिन विपक्षी सदस्यों द्वारा सत्र के दौरान उठाये गये विभिन्न मुद्दों का जबाव देते हुये कहा कि एसवाईएल नहर मामले की उच्चतम न्यायालय में अब तीन सितम्बर को सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि यह मसला गत लगभग 12 साल से अटका हुआ था। राज्य की भाजपा सरकार ने इसकी जल्द सुनवाई के लिये उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया और अब यह समाधान की ओर बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल एक महत्वपूर्ण विषय है। राज्य का जलस्तर हर साल पांच से 15 फुट नीचे जा रहा है तथा 10 सालों में 100 से 150 फुट तक नीचे गया है। इसके अलावा पानी की गुणवत्ता भी घटी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में जल बचाओ अभियान की शुरूआत की है जिसके तहत राज्य में भी जल बचाने की दिशा में धान उत्पादन क्षेत्रों में अन्य वैकल्पिक फसलों के उत्पादन के लिए योजना शुरू की गई है जिसके तहत 52 से 53 हजार हैक्टेयर भूमि पर किसानों ने वैकल्पिक फसल के उत्पादन के लिए अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि यह योजना शुरू में सात खंडों में चलाई गई थी जिसे अब बढ़ाकर सात जिलों में कर दिया है।
उन्होंने बताया भूजल स्तर में बढौतरी हो इसके लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को पानी की जरूरत है और इसी दिशा में उनकी सरकार ने गत 40 वर्षों से अटकी हुई लखवार बांध योजना को शुरू कराने का काम किया है। इसके अलावा रेणुका और किशाऊ बांध परियोजना पर भी काम होना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाने वाला पानी रोकने के लिये रावी और अन्य नदियों पर ऊंचे बांध बनाने की जरूरत पर बल दिया है ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी रोका और इसका इस्तेमाल देश में किया जा सके।
हरियाणा रोडवेज में किलोमीटर स्कीम योजना में घोटाला होने के विपक्ष के आरोपों को लेकर श्री खट्टर ने कहा कि लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मुहैया कराने के लिये ही सरकार ने यह योजना शुरू की है। उन्होंने कहा रोडवेज के बेड़े में बसें बढ़ाई जा रही हैं लेकिन अधिक बसों की जरूरत के मद्देनजर सरकार ने प्राईवेट बसें हायर करने के लिये किलोमीटर योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि देश के पांच प्रांतों कर्नाटक, तमिलनाडू, बिहार, बंगाल और उड़ीस को छोड़ शेष राज्यों में किलोमीटर योजना चल रही है। उन्होंने कहा कि किलोमीटर योजना के अंतर्गत टेंडर में हुई गड़बड़ी की विजिलेंस जांच कराई तथा इसमें गड़बड़ी होने की बात सामने आने पर 510 बसों का टेंडर रद्द कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है।