चंडीगढ़, 11 अगस्त (वार्ता) करतारपुर कॉरीडोर पर पाकिस्तान में गतिविधियां सुस्त पढ़ने की खबरों के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज पड़ोसी देश से सिक्ख समुदाय के लिए धार्मिक महत्व की इस महत्वपूर्ण परियोजना पर अपने वायदे से पीछे न हटे।
मुख्यमंत्री का बयान इन खबरों की पृष्ठभूमि में आया है कि दिल्ली को इस्लामाबाद को करतारपुर निर्णयों को अंतिम रूप देने के लिए बैठकों के लिए रिमाइंडर भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा।
कैप्टन ने कहा कि श्री गुरू नानक देव की 500वीं जयंती में तीन महीने बचे हैं और जरा सी भी ढिलाई से परियोजना समय पर पूरी नहीं हो पायेगी जो सिक्ख समुदाय की आशाओं और आकांक्षाओं के लिए एक झटका होगा। उन्होंने कहा कि सिक्ख समुदाय के लोग अपने प्रथम गुरू के स्थान, जहां उन्होंने जीवन के प्रारंभिक वर्ष गुजारे थे, के दर्शन के लिए बेताब हैं।
इसीके साथ कैप्टन ने पाकिस्तान के भारत से कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों में कटौती के तहत अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान के व्यापार रोकने के निर्णय के संदर्भ में कहा कि राजनीतिक चिंताओं को ऐसे निर्णयों पर हावी नहीं होने देना चाहिए जिससे दोनों देशों के लोगों के हित प्रभावित हों।
उन्होंने कहा कि इस रोक से पाकिस्तान के लोगों को भी आर्थिक क्षति होगी क्योंकि सामग्री को अब समुद्री रास्ते से ईरान और दुबई भेजना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसीके साथ कारोबार निलंबित करने का असर दोनों देशों में कारोबारी सुविधागत ढांचे के तहत कार्य कर रहे हजारों कूलियों, ट्रक-ट्रेन चालकों, स्टाफ आदि के रोजगार और आजीविका पर भी पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक विशुद्ध रूप से आंतरिक मामले में भारत के किसी निर्णय को लेकर कारोबार बंद करना समझ से परे है और इस्लामाबाद से अनुरोध किया कि सीमा के दोनों तरफ के लोगों के हित में इस फैसले को वापस ले। उन्होंने कहा कि भारत सीमा पर शांति, सांप्रदायिक सद्भावना और विकास चाहता है क्योंकि हिंसा और द्वेष के कारण दोनों तरफ के लोगों ने बहुत कुछ सहा है।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इसे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक या कारोबारी रिश्तों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
कैप्टन अमरिंदर ने भारत सरकार से भी कूटनीतिक चैनल खोलने और पाकिस्तान पर कारोबारी रिश्ते शुरू करने के लिए दबाव डालने का अनुरोध किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीमाई राज्यों जैसे पंजाब और कश्मीर के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की भी मांग की ताकि युवाओं के लिए बेहतर रोजगार अवसर पैदा किये जा सकें। उन्होंने कहा कि केंद्र को सभी सीमाई राज्यों के लिए सेना में अतिरिक्त बटालियन, अर्ध सैन्य बदल और प्रदेश पुलिस बढ़ानी चाहिये।
महेश कुलदीप
वार्ता