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हड़ताल के दौरान लगाए गए रोडवेज कर्मियों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा

जींद,12 अगस्त (वार्ता)जींद में आगामी 16 अगस्त को होने वाली भाजपा की आस्था रैली में शिरकत करने आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हरियाणा रोडवेज में हड़ताल के दौरान नौकरी पर लगाए गए और बाद में नौकरी से निकाले गए चालक-परिचालकों ने काले झंडे दिखाने का ऐलान किया है ।
सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुये रोडवेज से निकाले गए इन युवकों ने सोमवार को डीसी डा. आदित्य दहिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि उन्हें रोडवेज में दोबारा नियमित रूप से नौकरी दी जाए।
सोमवार को जींद के डीसी कैंप आफिस के बाहर प्रदेशभर के वह चालक-परिचालक जमा हुए, जिन्होंने पिछले साल रोडवेज कर्मचारियों की 18 दिन तक चली हड़ताल के दौरान रोडवेज बसों को चलाने का काम किया था। हड़ताल समाप्त होने के बाद इन चालक-परिचालकों को नौकरी से बाहर कर दिया गया था। अब ये 16 अगस्त को जींद में भाजपा की आस्था रैली में शिरकत करने आ रहे केंद्रीय गृह मंत्री को काले झंडे दिखाएंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले साल रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान उन्होंने 15 दिन तक अपनी जान को जोखिम में डालकर रोडवेज की बसों को चलाया और लोगों की सेवा की। उस समय रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के कारण हालात आपातकाल जैसे थे। हरियाणा सरकार के बुरे दिनों में उन्होंने सरकार का साथ दिया। हड़ताल समाप्त होते ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। अपनी पहली नौकरी छोड़कर वह रोडवेज में आए थे। अब वे न घर के रहे और न घाट के। उनकी पुरानी नौकरी भी जाती रही।
डीसी डा. आदित्य दहिया को सौंपे ज्ञापन में इन चालक-परिचालकों ने कहा कि 1972, 1979 और 1993 में भी रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान बसों को चलाने के लिए लगाए गए चालक-परिचालकों को नौकरी में रखा गया। उन्हें भी अब इसी तरह से नौकरी पर रखा जाए। चालक-परिचालकों ने कहा कि उन्हें आउटसोर्सिंग पालिसी-2 के तहत रोडवेज में लगाया जाए। हड़ताल के दौरान की गई ड्यूटी का वेतन दिया जाए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था कि हड़ताल के दौरान बस चलाने वाले चालक-परिचालकों को नौकरी में रखा जाएगा लेकिन अभी तक सीएम ने अपना वायदा पूरा नहीं किया है। सरकार की इस वायदाखिलाफी के विरोध में 16 अगस्त को प्रदेश भर के वह सभी चालक-परिचालक जींद में आकर श्री शाह को काले झंडे दिखाएंगे, जिनसे हड़ताल के दौरान 15 दिन तक रोडवेज की बसें चलवाने के बाद सरकार ने उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया है।
उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को भी ज्ञापन सौंपकर नौकरी में दोबारा लिये जाने की मांग की ।
सं शर्मा
वार्ता
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