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मोदी से रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि की व्यवस्था करने का करेगा आग्रह करेगा: बादल

बाबा बकाला (अमृतसर), 15 अगस्त (वार्ता) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि शिअद-भाजपा का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से श्री गुरु रविदास मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए भूमि प्रदान करने का आग्रह करेगा। मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाल ही में एक अदालती आदेश के बाद ध्वस्त कर दिया था।
रखड़ पूर्णिमा के अवसर पर एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए शिअद अध्यक्ष ने कहा कि कोई भी समुदाय सिखों की तुलना में किसी पूजा स्थल को ध्वस्त होते देखने के दर्द को नहीं समझ सकता है। उन्होंने कहा, “हम कांग्रेस सरकार के हाथों उसी पीड़ा से गुजर रहे हैं। शिअद-भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही प्रधानमंत्री से मिलेगा और उनसे दलित समुदाय की आहत भावनाओं को समझने के साथ-साथ नयी दिल्ली के तुगलकाबाद में गुरु रविदास मंदिर के विध्वंस का एक सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मंदिर के लिए जमीन के एक टुकड़े की व्यवस्था करके इस मुद्दे को हल करेंगे।”
सिख जनता को विभाजित करने के लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में अपनी पुरानी ‘फूट डालो और राज करो’ नीति का पालन किया। उन्होंने कहा,“ क्या ये कांग्रेसी सिख जनता को नैतिकता का उपदेश दे सकते हैं? उन्होंने छल और कपट की राजनीति में लिप्त होकर सरकार बनाई थी। सीएम ने युवाओं को पूर्ण कर्ज माफी, नौकरी और बेरोजगारी भत्ता जैसे झूठे वादे किए, जबकि पवित्र गुटखा साहिब को अपने हाथों में धारण करने के बाद ही उन पर पाबंदी लगाई। उन्होने कहा, “अदृश्य सीएम को एक बार भी अंतरराष्ट्रीय नगर कीर्तन के लिए श्रद्धांजलि देने का समय नहीं मिला। यह सिख धर्म के लिए उनकी भक्ति के स्तर को दर्शाता है। ”
सत्ता संभालने के बाद चार सप्ताह के भीतर नशीले पदार्थों के उन्मूलन का वादा करने के बाद मादक पदार्थों के खतरे को रोकने में कांग्रेस सरकार को विफल बताते हुए श्री बादल ने कहा कि कांग्रेस नेता नशे के तस्करों और नशीले पदार्थ की आपूर्ति करने वालों के साथ हैं और इस अवैध व्यवसाय से पैसा बनाने में व्यस्त है। इससे पहले स्वतंत्रता संग्राम में सिख सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों को याद करते हुए श्री बादल ने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत धक्का लगा कि स्वतंत्रता संग्राम के लिए अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की एक सेलुलर जेल कालापानी में भारतीय कैदियों को भेजा गया था। इसी तरह, ब्रिटिश शासकों द्वारा फांसी पर लटकाए गए स्वतंत्रता सेनानियों में से 95 प्रतिशत सिख थे। युद्ध के दौरान हम हमेशा सबसे पहले दुश्मन का सामना करते हैं और अपने देश के सम्मान के लिए लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देते हैं । ठाकुर.श्रवण
वार्ता
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