चंडीगढ़ ,19 अगस्त (वार्ता)भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश तथा बांध से छोड़े गये पानी के गांवों में घुसने और फसली नुकसान को देखते हुये अब कम मात्रा में स्पिलवे से पानी छोड़ने का निर्णय लिया है ।
बोर्ड की आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार हिमाचल में भारी बारिश के कारण बांध के जलाशय का जल स्तर आज सुबह तक 1681 फुट रिकार्ड किया गया । सतलुज से तिब्बत तक बांध के स्थलों पर सतलुज नदी के कैंचमैंट एरिया में भारतीय मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध पूर्वानुमान काे ध्यान में रखते हुए गत 16 अगस्त से लगभग 538 क्यूमेक (19,000 क्यूसेक) पानी, टरबाइनों से छोड़े गए पानी के अतिरिक्त अब कम पानी छोड़ने का निर्णय लिया है । कम पानी छोड़ने के निर्णय से बांध के डाऊनस्ट्रीम के नदी नालों में पानी के जमाव को कम किया जा सका है।
बोर्ड के अनुसार गत 17 तथा 18 अगस्त की मध्य रात्रि से भाखड़ा बांध के जलग्रहण क्षेत्रों , पौंग बांध तथा पंजाब के निचले भागों में भारी बारिश हुई जिसे देखते हुये 18 अगस्त को भाखड़ा बांध जलाशय में पानी 3,11,130 क्यूसेक जल बहाव आने के कारण जल स्तर, बाढ़ के शीर्ष पर पहुँच गया। ऐसा सतलुज नदी में ब्यास-सतलुज लिंक परियोजना के माध्यम से ब्यास नदी के 8500 क्यूसेक जल के बहाव को बंद करने के बावजूद हुआ।
वर्ष 1988 में आई बाढ़ के समय भाखड़ा बांध का जलस्तर 3,18,000 क्यूसेक रिकार्ड किया गया था । पिछले दो दिनों में बांध का जलस्तर उससे भी अधिक दर्ज किया गया है। भाखड़ा से कम मात्रा में पानी छोड़ने के हर संभव प्रयास किए गए । जबकि वर्तमान जल स्तर 1681 फीट को ध्यान में रखते हुए और जलाशय में 1,00,000 क्यूसेक से अधिक भारी इनफ्लो को देखते हुए भाखड़ा बांध के स्पिलवे के माध्यम से 538 क्यूमेक (19,000 क्यूसेक) से 1161 क्यूमेक (41,000 क्यूसेक) पानी को छोड़ने का निर्णय लिया गया, जो टरबाइनों से छोड़े गए पानी के अतिरिक्त है। यह स्पिलवे द्वारा छोड़ा गया पानी स्पिलवे की कुल क्षमता का लगभग 14% होगा।
बीबीएमबी ने पौंग बांध से विद्युत का उत्पादन बंद कर दिया है, इस प्रकार हरिके बैराज में बाढ़ को रोकने को रोकने के लिये पौंग बांध में विद्युत उत्पादन के लिए 10,000 क्सूसेक पानी को छोड़ना भी बंद कर दिया है। भाखड़ा बांध में जल की स्थिति की निरन्तर निगरानी की जा रही है । बांध की सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और इसके साथ-साथ डाउनस्ट्रीम में स्पिलवे के माध्यम से यथासंभव न्यूनतम पानी छोड़ा जा रहा है।