चंडीगढ़, 19 अगस्त (वार्ता) जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाने के मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय में छात्राें ने आज खुलकर चर्चा की और कहा कि मसले को वहां की जनता की इच्छा, राय और सहमति से सुलझाया जाना चाहिए।
पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार) की तरफ से आयोजित इस चर्चा में सौ से ज्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया और बारिश के बावजूद कार्यक्रम जारी रखा गया। यह कार्यक्रम पहले 13 अगस्त को हाेना था जब पुलिस व विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम रोक दिया था।
चर्चा करीब दो घंटे चली जिसमें अनुच्छेद 370 के इतिहास से लेकर जम्मू कश्मीर में विकास, अलगाववाद और आतंकवाद समेत विभिन्न पहलुओं पर छात्रों में चर्चा हुई। चर्चा में सामने आया कि अनुच्छेद 370 हटाना कश्मीरी लोगों की इच्छाओं-आकांक्षाओं काे कुचलने जैसा कदम है। कश्मीरी लोगों के संघर्ष काे सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश हो रही है। विकास के नाम पर केंद्र सरकार क्षेत्र के लोगों और संसाधनों के कार्पोरेट घरानों के शोषण का रास्ता खोल रही है। कश्मीर समस्या का समाधान दबाव या ताकत के जोर से नहीं होगा बल्कि इसके विपरीत इससे अलगाववाद बढ़ सकता है और इस मुद्दे को कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, राय, सहमति जैसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सुलझाया जा सकता है।