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पंजाब विश्वविद्यालय में बढ़ते पुलिस ‘हस्तक्षेप‘ और ‘प्रताड़ना‘ के खिलाफ छात्रों ने दिया ज्ञापन

चंडीगढ़, 21 अगस्त (वार्ता) पंजाब विश्वविद्यालय में बढ़ते पुलिस ‘हस्तक्षेप‘ और ‘प्रताड़ना‘ के खिलाफ पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन (ललकार) ने आज विश्वविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन दिया।
यूनियन के यहां जारी बयान के अनुसार यूनियन के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट्स वेल्फेयर से मिलकर उन्हें यह ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में आरोप लगाया है कि पुलिस कई छात्रों, जिनमें उनके सदस्य शामिल हैं, फोन कर परेशान कर रही है। पते-ठिकाने व विभाग के बारे में पूछ रही है। पुलिस का दावा है कि वह आगामी छात्र चुनावों के कारण छात्रों पर नजर रख रहे हैं और जांच कर रहे हैं। पुलिस यह भी दावा कर रही है कि कुछ छात्र संगठनों ने उन्हें अपने समर्थकों की सूची दी है जिसकी वह पुष्टि कर रहे हैं।
ज्ञापन के अनुसार उन्होंने पुलिस या प्रशासन (विश्वविद्यालय के) को ऐसी कोई सूची नहीं दी गई और दूसरी बात किसी संगठन के सदस्य या समर्थक होने के नाते छात्रों की यह प्रताड़ना तुरंत रुकनी चाहिए।
यूनियन ने आरोप लगाया है कि हाल के समय में कैंपस में पुलिस का बढ़ता हस्तक्षेप कैंपस के लोकतंत्र के लिए खतरा है और छात्रों के मामलों में विश्वविद्यालय प्रशासन को पुलिस के बजाय अपनी सुरक्षा विंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
यूनियन के अनुसार डीन स्टूडेंट्स वेल्फेयर ने प्रतिनिधि मंडल को बताया कि पुलिस के ऐसे कदमों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने माना कि यह गैरकानूनी है और पुलिस को छात्रों की जांच का अधिकार नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह पुलिस से बात करेंगे।
यूनियन का आरोप है कि हाल में पुलिस व विश्वविद्यालय ने कश्मीर पर चर्चा को रोकने का असफल प्रयास भी किया थ्
था और अब चुनावों जैसी लोकतांत्रिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से हतोत्साहित करने के लिए छात्रों को रोकने के प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि विश्वविद्यालय में ‘पुलिस राज‘ है।
यूनियन ने स्पष्ट किया है कि छात्र पुलिस को कोई विवरण देने के लिए बाध्य नहीं हैं और आरोप लगाया कि पुलिस का इस्तेमाल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने व छात्र संगठनों से जुड़ने से रोकने के लिए डराने-धमकाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय कैंपस में पुलिस के प्रवेश पर बैन लगाने की मांग की है।
महेश विजय
वार्ता
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