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पच्चीस उर्दू साहित्यकार लगभग 22 लाख रूपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित

चंडीगढ़, 22 अगस्त(वार्ता) हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने उर्दू भाषा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 25 साहित्यकारों को आज राजभवन में 21.73 लाख रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया।
श्री आर्य ने इस अवसर पर कहा कि साहित्यकारों को अपनी लेखनी के माध्यम से समाज की कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए ताकि समाज में बदलाव लाया जा सके। इससे समाज में जातिवाद और दहेज प्रथा दूर करने में सहायता मिलेगी तथा महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से सूफी संतों, कव्वालों तथा शायरों ने अपनी लेखनी का प्रयोग कर समाज को सभ्य एवं सदाचार का रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। इससे समाज की विभिन्न परम्पराओं को बल मिलता है। भारतीय समाज में उर्दू, फारसी, हिन्दी तथा अनेक क्षेत्रीय भाषाओं का समावेश है जिससे अनेकता में भी एकता का दर्शन होता है।
राज्यपाल ने कहा कि उर्दू साहित्य में कव्वाली का अपना स्थान है और जो भी इसे सुनता है वह उसी का हो जाता है। कव्वाली से राष्ट्रीयता मजबूत हुई है और अपने प्राचीन इतिहास को सहजता से समझने में सहायक बनी है। उन्होंने कहा कि मिर्जा गालिब उर्दू एवं फारसी भाषा के महान शायर रहे हैं जिन्होंने प्रेम एवं प्यार का रास्ता दिखाया है।
सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरो ने राज्यपाल एवं अन्य मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि उर्दू एक मीठी भाषा है जो समाज को एक नया रास्ता दिखाने में सहायक है। उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा एक सलीके की भाषा है। हरियाणा के अदीबों, लेखकों और कलाकारों ने उर्दू साहित्य को सम्पन्न करने में सराहनीय योगदान दिया है।
कार्यक्रम के दौरान वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 के 25 विजेताओं को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें फखे हरियाणा पुरस्कार के तहत तीन लाख रुपए, हाली पुरस्कार के लिए 2.51 लाख रुपए तथा शेष सभी को 51 हजार रुपए की नकद राशि, शॉल, प्रशस्ति पत्र तथा स्मृति चिह्न भेंट किए गये। गत दो वर्षों में उर्दू अदब में अपने विशिष्ट योगदान के लिए महेन्द्र प्रताप चांद और बी. डी. कालिया हमदम को फखे-हरियाणा सम्मान दिया गया है। डॉ के. के. ऋषि और डॉ० कुमार पानीपती को हॉली पुरस्कार, डॉ० सुल्तान अंजुम और श्री कृष्ण कुमार तूर को कंवर महेद्र सिंह बेदी पुरस्कार, श्री अनिल कौशिक और ज्योति संग को जसवंत सिंह टोहानवी सम्मान, डॉ० फरजाना नसीम और शम्स तबरेजी को साबिर पानीपती पुरस्कार, श्री टी.एन. राज और डॉ० रेणु बहल को उर्दू अनुवाद पुरस्कार, श्री रमेंद्र जाखू साहिल, श्री मुकेश गंभीर, डॉ० एच.के. लाल और डॉ० राजवंती मान को खिदमते-अदब पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इनके अलावा सुरेन्द्र पंडित सोज-सम्मान से श्री सुनीता रैना और श्री एन. डी. सपरा, हरियाणा से सम्बन्धित उर्दू अदब के लेखन का पुरस्कार डॉ नासिर नकवी, श्री कुदंन अरावली और प्रो0 एम.एम. जुनेजा को बाल कृष्ण मुजतर सम्मान तथा डॉ इन्दु गुप्ता और श्री ब्रज भूषण शर्मा को नौ आमौज पुरस्कार दिया गया है। उर्दू गजल गायन के लिए श्री आर.डी. कैले और श्रीमती रिंकू कालिया को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खण्डेलवाल, उर्दू साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ० चन्द्र त्रिखा तथा पूर्व मुख्य सचिव शकुंतला जाखू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
रमेश1929वार्ता
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