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फार्मासिस्ट रहे सामूहिक अवकाश पर, चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था

हिसार, 26 अगस्त (वार्ता) एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा के आहवान पर सभी जिलों के फार्मासिस्ट वर्ग ने आज सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
हिसार में फार्मासिस्टों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के राज्य प्रधान विनोद दलाल ने कहा कि सरकार ने समान पैरा मेडिकल केटेगरी का वेतनमान 4600 रूपए ग्रेड पे कर दिया है लेकिन फार्मासिस्ट को 4200 रुपए ग्रेड पे पर ही रख दिया है जो इस वर्ग के साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट के ग्रेड पे 4600 रुपए पर मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्णतया सहमति जताते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी है लेकिन वित्त विभाग का उच्चाधिकारी वर्ग उदासीन रवैया अपनाकर फार्मासिस्ट वर्ग को आंदोलन पर मजबूर कर रहा है।
श्री दलाल ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई और सरकार ने बातचीत के लिए नहीं बुलाया तो सामूहिक अवकाश की अवधि बढ़ाने के अलावा फार्मासिस्ट एसोसिएशन अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा भी कर सकता है।
फार्मासिस्ट वर्ग के सामूहिक अवकाश की वजह से अस्पतालों में दवा देने वाली खिड़की बंद होने से मरीजों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी मरीज निराश होकर लौटे। गौरतलब है कि सेंट्रल लेवल पर दवाओं की खरीद न होने से लोकल लेवल पर खरीद की जाती है। फार्मासिस्ट वर्ग की सामूहिक छुट्टी से प्रदेशभर में खरीद का कार्य भी प्रभावित हुआ। श्री दलाल ने धरने के दौरान मरीजों से क्षमा मांगते हुए कहा कि सरकार उन्हें ऐसा करने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि इंसानियत का परिचय देते हुए सभी फार्मासिस्ट वर्ग ने पोस्टमॉर्टम में अपनी ड्यूटी निभाई क्योंकि इंसानियत इस वर्ग में सर्वोपरि है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने स्टाफ नर्स व ट्रेनी स्टाफ नर्स से दवाएं बंटवाकर फार्मेसी एक्ट 1948 की जमकर धज्जियां उड़ाई। फार्मेसी एक्ट 1948 के अनुसार दवा सबंधी कार्य हेतु सिर्फ फार्मासिस्ट ही अधिकृत होता है।
सं महेश विजय
वार्ता
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